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भागवत का कश्मीरी पंडितों को दिलासा, घर वापसी होगी संभव

भागवत का कश्मीरी पंडितों को दिलासा, घर वापसी होगी संभव

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कश्मीरी पंडितों को संबोधित करते हुए कहा कि अब संकल्प पूर्ति का वक़्त नजदीक है। अबकी बार अपनी मातृभूमि में ऐसे बसना है कि फिर कोई उजाड़ न सके।

संघ के संचालक मोहन भागवत ने रविवार को नवरेह महोत्सव के मौके पर कश्मीरी हिंदू समुदाय को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए संबोधित किया।

एक से तीन अप्रैल तक जम्मू में संजीवनी शारदा केंद्र की तरफ से तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें तीसरे दिन मोहन भागवत ने कश्मीर हिंदू समुदाय को संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान कश्मीरी हिंदू समुदाय को नवरेह के शुभ त्योहार पर अपनी मातृभूमि में लौटने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

इस दौरान मोहन भागवत ने कहा कि अब संकल्प पूर्ति का समय नजदीक है। अबकी बार अपनी मातृभूमि में ऐसे बसना है कि फिर कोई उजाड़ न सके। सभी को साथ मिलजुल कर रहना है।

मोहन भागवत ने राजा ललितादित्य के इतिहास पर विस्तार से चर्चा की। वहीं वह फिल्म द कश्मीर फाइल्स का जिक्र करना नहीं भूले द कश्मीर फाइल्स की बात करते हुए कहा कि अब धीरे-धीरे सच देश के सामने आ रहा है।

इस पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। लेकिन, आम लोग कश्मीरी हिंदुओं के दर्द को महसूस कर रहे हैं और उनके बीच में कश्मीरी हिंदुओं के लिए सहानुभूति है। उन्होंने कहा कि अब कश्मीर में ऐसे बसेंगे कि फिर से कोई उजाड़ ना सके। धैर्य के साथ अपनी कोशिश जारी रखनी है। संपूर्ण भारत का अभिन्न अंग बन कर कश्मीर में बसना और रहना है।

 

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