भगवंत मान, भाजपा नीत केंद्र सरकार की ‘कठपुतली’ के रूप में काम कर रहे हैं: कांग्रेस
शंभू और खनौरी बॉर्डर पर साल भर से बैठे किसानों का धरना खत्म हो गया है। पंजाब पुलिस ने देर रात एक्शन में किसानों को धरना स्थल से उठा दिया। पंजाब पुलिस ने शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर से किसानों के टेंट हटाने के लिए बुलडोजर एक्शन का भी सहारा लिया।
कांग्रेस ने सरवण सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल समेत कई किसान नेताओं को हिरासत में लिए जाने की निंदा की और इसे आम आदमी पार्टी (आप) नीत पंजाब सरकार का ‘‘कायरतापूर्ण कृत्य’’ करार दिया।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने किसान संगठनों के नेताओं के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे राज्य सरकार का ‘‘कायराना कृत्य’’ बताया। उन्होंने कहा कि पंजाब के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि सरकार ने बैठक के बहाने नेताओं को बुलाकर उन्हें ‘गिरफ्तार’ किया हो।
बाजवा ने कहा कि इसमें जरा भी संदेह नहीं रह गया है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार की ‘कठपुतली’ के रूप में काम कर रहे हैं। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि यह साबित हो चुका है कि उन्होंने यह काम बीजेपी में अपने ‘आकाओं’ के निर्देश पर किया है।
वहीं किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पंजाब सरकार की कार्रवाई की निंदा की है। टिकैत ने एक्स पर पोस्ट किया, “पंजाब की सीमा पर चल रहे आंदोलन में एक तरफ सरकार किसान संगठनों से बातचीत कर रही है और दूसरी तरफ उन्हें गिरफ्तार कर रही है। हम पंजाब सरकार की कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं और सभी किसान संगठन हर संघर्ष के लिए तैयार हैं।”
पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने भी घटना की निंदा की। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘केंद्र की भाजपा सरकार और पंजाब की ‘आप’ सरकार दोनों ने किसानों को धोखा दिया है और उनकी पीठ में छुरा घोंपा है।
पंजाब में किसान नेताओं को हिरासत में लिए जाने पर टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा, “मैं किसान नेताओं की गिरफ्तारी का विरोध करता हूं, आलोचना करता हूं। कल तीन घंटे की बातचीत हुई और उसके बाद किसानों को जबरन हटाना और किसान नेताओं को गिरफ्तार करना आलोचना के लायक है। ये खराब हुआ।”
