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बांग्लादेश की घटना से पता चलता है कि, आज़ादी की कीमत क्या है: डीवाई चंद्रचूड़

बांग्लादेश की घटना से पता चलता है कि, आज़ादी की कीमत क्या है: डीवाई चंद्रचूड़

स्वतंत्रता दिवस: भारत के मुख्य न्यायाधीश, डीवाई चंद्रचूड़ ने हाल ही में बांग्लादेश की घटनाओं का उल्लेख करते हुए एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की स्थिति हमें याद दिलाती है कि आज़ादी की वास्तविक कीमत क्या होती है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता केवल एक अधिकार नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा मूल्य है जिसे बनाए रखने के लिए समाज को निरंतर सतर्क और सक्रिय रहना पड़ता है।

बांग्लादेश में हाल ही में हुए राजनीतिक अस्थिरता और मानवाधिकारों के उल्लंघन की घटनाओं ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। इन घटनाओं का जिक्र करते हुए, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि जब लोकतांत्रिक मूल्यों की उपेक्षा होती है और नागरिक अधिकारों का हनन किया जाता है, तो इसका प्रभाव पूरे समाज पर पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी स्थिति में समाज में असंतोष और विद्रोह का जन्म होता है, जिससे नागरिकों की स्वतंत्रता और सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है।

उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का भी संदर्भ दिया, यह बताते हुए कि आज़ादी प्राप्त करना एक लंबा और कठिन संघर्ष होता है, जिसे बनाए रखना भी उतना ही चुनौतीपूर्ण है। मुख्य न्यायाधीश ने जोर देकर कहा कि आज़ादी की रक्षा के लिए समाज के हर वर्ग को जागरूक और जिम्मेदार होना चाहिए। अगर हम अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के प्रति उदासीन हो जाते हैं, तो इसका परिणाम समाज के लिए गंभीर हो सकता है।

बांग्लादेश के संघर्ष और वहां के हालात ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लोकतंत्र और स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए सतर्कता और एकजुटता की आवश्यकता होती है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि स्वतंत्रता कोई स्थायी स्थिति नहीं है, बल्कि इसे बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास करना पड़ता है।

मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि आज़ादी की कीमत को समझने और उसे संरक्षित करने की जिम्मेदारी हम सभी की है। यह केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि प्रत्येक नागरिक को अपनी स्वतंत्रता के प्रति सचेत रहना चाहिए। बांग्लादेश की घटनाओं ने हमें यह सिखाया है कि लोकतंत्र और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सतर्क रहना और इसके लिए आवश्यक कदम उठाना बेहद ज़रूरी है।

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