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बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि की सोन पापड़ी, क्वालिटी टेस्ट में फेल

बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि की सोन पापड़ी, क्वालिटी टेस्ट में फेल

पतंजलि की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अपनी आयुर्वेदिक दवाओं को लेकर किए जा रहे दावों के कारण सुप्रीम कोर्ट के निशाने पर आई पतंजलि को एक बार फिर झटका लगा है। इस बार पतंजलि की सोन पापड़ी कसौटी पर खरी नहीं उतरी। पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी फूड टेस्ट में फेल हो गई। इस पर संज्ञान लेते हुए पिथौड़ागढ़ के चीफ ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के एक असिस्टेंट मैनेजर समेत तीन कर्मचारियों को 6 महीने जेल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही तीनों कर्मचारियों पर जुर्माना भी लगाया गया है।

17 सितंबर 2019 को पिथौरागढ़ डिस्ट्रीक्ट फूड सेफ्टी ऑफिसर ने बेरीनाग बाजार की एक दुकान से पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी के सैंपल कलेक्ट किए गए थे। ये रुद्रपुर की एक लैब में क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गए थे। इसके बाद इन तीनों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। वहीं 2 दिन पहले उत्तराखंड सरकार ने अपने उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी के 14 प्रोडक्ट का लाइसेंस रद्द किया गया था। शुक्रवार (17 मई) को राज्य सरकार ने इस आदेश पर अंतरिम स्टे लगा दिया।

पतंजलि की सोन पापड़ी के क्वालिटी टेस्ट में फेल होने से जुड़े एक मामले में उत्तराखंड की एक अदालत ने कंपनी के असिस्टेंट जनरल मैनेजर समेत तीन लोगों को छह महीने जेल की सजा सुनाई है। फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड एक्ट 2006 के सेक्शन 59 के तहत यह सजा सुनाई गई है। इन तीन लोगों में पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क, लक्सर के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार, कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड रामनगर के असिस्टेंड मैनेजर अजय जोशी; और दुकानदार लीलाधर पाठक शामिल है। पिथौरागढ़ के चीफ मजिस्ट्रेट, संजय सिंह ने यह सजा सुनाई है।

उत्तराखंड सरकार ने 30 अप्रैल को बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी के 14 प्रोडक्ट्स के मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस को सस्पेंड कर दिया था। उत्तराखंड सरकार की लाइसेंस अथॉरिटी ने प्रोडक्ट्स पर बैन का आदेश भी जारी किया था। इसमें कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद के प्रोडक्ट्स के बारे में बार-बार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के कारण कंपनी के लाइसेंस को रोका गया है।

इस बीच, सुप्रीक कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से पूछा है कि इसके जिन 14 उत्पादों के मैनुफैक्चरिंग का लाइसेंस रद्द किया गया था, उसकी बिक्री बंद की गई है या नहीं। पतंजलि के वकील बालबीर सिंह ने कंपनी की ओर से कोर्ट को इसका जवाब सौंपा है। सिंह ने कोर्ट को बताया कि इन सभी 14 उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। पतंजलि से सुप्रीम कोर्ट ने यह भी जवाब मांगा था कि जिन उत्पादों का लाइसेंस रद्द किया गया है, क्या उन्हें रिकॉल करने का विज्ञापन जारी कर दिया गया है। इस पर पतजंलि के वकील ने हलफनामा सौंपने के लिए कोर्ट से वक्ता मांगा है।

कोर्ट ने इस पर कहा कि इस मामले में तीन साप्ताह के भीतर कोर्ट को हलफनामा सौंप दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अवमानना नोटिस जारी करने पर आदेश फिलहाल सुरक्षित रखा जाता है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि जब तक कोर्ट की ओर से कोई निर्दिष्ट आदेश जारी नहीं होता, बाबा रामदेव और बालकृष्ण को अदालत में पेश होने की जरूरत नहीं होगी। बता दें कि पिछले महीने कोर्ट ने पतंजलि को अपने उत्पादों के भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करवाने के मामले में कड़ी फटाकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पतंजलि को भ्रामक विज्ञापनों से जुड़ा स्पष्टीकरण दो- दो बार प्रकाशित करवाना पड़ा था।

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