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अनिल मसीह ने वोटों को खराब भी किया है,अदालत को गुमराह भी किया है: सुप्रीम कोर्ट

अनिल मसीह ने वोटों को खराब भी किया है, अदालत को गुमराह भी किया है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी को बड़ी जीत हासिल हुई है। चुनावों में हुई गड़बड़ी के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आप प्रत्याशी कुलदीप कुमार को जीता हुआ घोषित किया है। अनिल मसीह पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पड़ी करते हुए कहा कि, इन्होंने दो दो जुर्म किए हैं। वोटों को खराब भी किया है और अदालत को गुमराह भी किया है।

इसी के साथ सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें 30 जनवरी को भाजपा उम्मीदवार मनोज कुमार सोनकर को चंडीगढ़ का मेयर घोषित किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोबारा मतों की गिनती के बाद कुलदीप कुमार की जीत से इंडिया गठबंधन के सभी नेता उत्साहित हैं। वहीं अनिल मसीह की चोरी पकड़े जाने के बाद भाजपा को ज़बरदस्त झटका लगा है। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि यह साफ़ है कि पीठासीन अधिकारी ने याचिकाकर्ता के पक्ष में डाले गए 8 मतपत्रों को विकृत करने का जानबूझकर प्रयास किया है ताकि बीजेपी उम्मीदवार को निर्वाचित उम्मीदवार घोषित किया जा सके।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद विपक्षी दलों को भाजपा पर हमला करने के लिए बड़ा हथियार मिल गया है। केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद अदा करते हुए “इंडिया गठबंधन की जीत बताया है तो वहीं राहुल गांधी ने अनिल मसीह को केवल मोहरा क़रार दिया है।

जिसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने ट्विट कर लिखा, लोकतंत्र की हत्या की भाजपाई साजिश में मसीह सिर्फ ‘मोहरा’ है, पीछे मोदी का ‘चेहरा’ है। बता दें कि भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को कदाचार का दोषी ठहराते हुए कहा कि उनके द्वारा घोषित परिणाम गैरकानूनी हैं और पहले के आदेश को रद्द कर दिया।

अदालत ने कहा, “यह न्यायालय यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया इस तरह के हथकंडों से नष्ट न हो। इसलिए, हमारा विचार है कि बुनियादी लोकतांत्रिक जनादेश सुनिश्चित करने के लिए अदालत को ऐसी असाधारण परिस्थितियों में कदम उठाना चाहिए।”

शीर्ष अदालत का आदेश आप के मेयर पद के उम्मीदवार कुलदीप कुमार द्वारा दायर याचिका पर आया, जिसमें पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें आप को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया गया था, जिसमें नए मेयर चुनाव की मांग की गई थी।

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