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असम जाकर CAA और NRC पर चुप्पी साधे रहे अमित शाह

असम में इस साल मार्च-अप्रैल के महीने में चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस और बीजेपी दोनों अपनी अपनी तैयारियों में जुट गई है। अमित शाह का दौरा भी चुनाव के मद्देनज़र ही था। देश भर में वर्ग विशेष के वोटों को पाने के लिए CAA और NRC का मुद्दा गरमाने वाली भाजपा के कद्दावर नेता और देश के गृह मंत्री अमित शाह असम पहुँच कर अपनी रैली में घुसपैठिओं पर बोले, धारा 370 पर बोले, बोडो शांति समझौते पर बोले, राम मंदिर पर बोले, लेकिन एनआरसी और सीएए पर मौन ही रहे।

अमित शाह ने कहा कि असम को घुसपैठ मुक्त बनाना चाहते हो या नहीं? यह कांग्रेस और बदरुद्दीन अजमल असम को घुसपैठियों से सुरक्षित रख सकते हैं क्या? ये जोड़ी सारे दरवाज़े खोल देगी और घुसपैठ को असम के अंदर सरल कर देगी, क्योंकि ये उनका वोट बैंक है। घुसपैठ को अगर कोई रोक सकता है, तो भारतीय जनता पार्टी की नरेंद्र मोदी सरकार रोक सकती है। हमने ये करके दिखाया है।”

देश के गृहमंत्री अमित शाह रविवार को असम के दौरे पर थे। नलबाड़ी में विजय संकल्प समारोह में असम की जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने घुसपैठियों का ज़िक्र तो किया, लेकिन नागरिकता क़ानून का ज़िक्र नहीं किया।

उन्होंने आगे कहा, “धारा 370, जिसे 70 साल से कोई छूने की हिम्मत नहीं करता था, 5 अगस्त 2019 को हमने इसे ख़त्म कर, कश्मीर को भारत के साथ जोड़ने का काम किया। 550 साल से प्रभु श्रीराम का मंदिर बनाने के लिए देश भर से आवाज़ उठती रही। किसी की हिम्मत नहीं की। आपने दूसरी बार पूर्ण बहुमत से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनने का मौक़ा दिया, तो प्रभु श्रीराम के गंगनचुंबी मंदिर बनने की शुरुआत हो चुकी है।”

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