अमित शाह हमारे उम्मीदवारों को चुनाव से दूर कर रहे हैं: प्रशांत किशोर
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर गंभीर आरोप लगाया है कि, वे उनकी पार्टी के कई उम्मीदवारों को डराकर और धमकाकर विधानसभा चुनाव से दूर रख रहे हैं। किशोर ने कहा कि “हमारे उम्मीदवार किसी गुंडे या बाहुबली से नहीं डरे हैं, वे तो देश के गृहमंत्री से डरे हैं। उन्हें बंधक बनाकर रखा गया, उन पर आर्थिक और सामाजिक दबाव डाला गया।”
मंगलवार दोपहर शेखपुरा हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर ने यह आरोप लगाया। मीडिया के एक सवाल पर उन्होंने कहा, “अगर देश का गृहमंत्री किसी उम्मीदवार को अपने घर बुलाकर पूरे दिन बिठाए रखे तो वह क्या करेगा?” किशोर ने आगे कहा कि बीजेपी को ‘महागठबंधन के गुंडों’ से नहीं बल्कि ‘जन सुराज’ के ईमानदार उम्मीदवारों से डर लगता है, क्योंकि हमने ऐसे लोगों को मैदान में उतारा है जो जनता में विश्वसनीय हैं।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि दानापुर विधानसभा क्षेत्र से जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार अखिलेश कुमार उर्फ मटोर शाह को नामांकन दाखिल करने नहीं दिया गया। दानापुर के व्यापारियों और समाज के लोगों ने उन्हें उम्मीदवार बनाने का फैसला किया था। पार्टी ने टिकट भी दिया, लेकिन वे नामांकन करने नहीं पहुंचे। बीजेपी ने अफवाह फैलाई कि मटोर शाह को आरजेडी के गुंडों ने अगवा कर लिया है, जबकि हकीकत में वे अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान के साथ थे। किशोर ने इसका फोटो सबूत के तौर पर मीडिया को दिखाया और कहा — “यही है बीजेपी का चाल, चरित्र और चेहरा।”
उन्होंने सवाल उठाया कि एक मामूली व्यापारी को देश का गृह मंत्री अपने पास क्यों बुला रहा है? चुनाव आयोग क्या नहीं देख रहा कि एक उम्मीदवार को केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता घेरे हुए हैं? किशोर ने कहा कि इस मामले में चुनाव आयोग से औपचारिक शिकायत की जाएगी।
किशोर ने आगे बताया कि बक्सर जिले के ब्रह्मपुर सीट से जन सुराज उम्मीदवार डॉ. सत्य प्रकाश तिवारी की भी धर्मेंद्र प्रधान के साथ तस्वीर सामने आई है। उन्होंने कहा कि इस सीट से एलजेपी (आर) के बाहुबली नेता हैलास पांडे चुनाव लड़ रहे हैं। जन सुराज ने उनके खिलाफ डॉ. तिवारी को उम्मीदवार बनाया था, जो पटना में एक बड़ा अस्पताल चलाते हैं। लेकिन नामांकन के तीन दिन बाद उन्होंने अचानक उम्मीदवारी वापस ले ली। उनकी तस्वीर उनके घर पर धर्मेंद्र प्रधान के साथ मौजूद है।
इसी तरह गोपालगंज से जन सुराज उम्मीदवार डॉ. शशि शेखर सिन्हा पर भी दबाव डाला गया। किशोर ने कहा कि उन्होंने मुझे फोन कर बताया कि “मुझ पर दबाव है लेकिन मैं आपके साथ हूं”, लेकिन दो घंटे बाद उन्होंने नाम वापस लेकर फोन बंद कर दिया।
किशोर ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा, “अगर आयोग उम्मीदवारों को सुरक्षा नहीं दे सकता, तो वह वोटरों की सुरक्षा कैसे करेगा?” उन्होंने बताया कि अब तक उनकी जानकारी के मुताबिक 14 उम्मीदवारों को अलग-अलग तरीकों से डराया गया, जिनमें से 3 ने नाम वापस ले लिया है, लेकिन अभी भी 240 उम्मीदवार मजबूती से डटे हुए हैं।
बीजेपी ने प्रशांत किशोर के आरोपों को खारिज किया
बीजेपी ने प्रशांत किशोर के इन आरोपों को सख्ती से खारिज किया है। पार्टी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, “किशोर बिना वजह सनसनी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। हम बहुत गंभीरता से चुनाव लड़ते हैं। जन सुराज के पास अपना कोई संगठन नहीं है, उसने हमारे ही कार्यकर्ताओं को टिकट दिया था।”

