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भारत से बिगड़ी बात बनाने में लगा अमेरिका, भारतीय सीमा में गश्त से बिगड़े थे संबंध

भारत के विशिष्‍ट आर्थिक जोन में बिना अनुमति अमेरिका के सातवें बेड़े के एक जहाज़ के गश्त करने बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते तल्‍ख हो गए थे। अब अमेरिका डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा है। भारत के पक्ष में रिपब्लिकन पार्टी के कुछ नेता भी आगे आए हैं।

भारत ने अमेरिकी नौसेना से अपनी सख्‍त आपत्ति दर्ज की थी। भारत को इससे ज्‍यादा हैरानी अमेरिकी जवाब से हुआ था। भारत की इस आपत्ति पर अमेरिका ने बेहद रुखा उत्‍तर दिया था। अमेरिका का कहना है कि उसके सातवें बेड़े की कार्रवाई अंतराष्‍ट्रीय कानून के अनुरूप है।

अमेरिकी सेना का कहना है कि अमेरिकी नौसेना हर दिन हिंद महासागर क्षेत्र में काम करती है। अंतरराष्‍ट्रीय कानून के अनुसार अमेरिकी नौसेना को जहां जाने की अनुमति होगी, वहां अमेरिका उड़ान भरेगा और जहाज लेकर जाएगा। अमेरिकी नौसेना ने कहा कि भारत का दावा अंतरराष्‍ट्रीय कानून के तहत असंगत है।

लेकिन इस पूरे मामले में अब अमेरिकी थ‍िंक टैंक और रिपब्लिकन सांसद ने भारत का पक्ष लिया है । रिपोर्ट के अनुसार इस थिंक टैंक का मानना है कि हिंद प्रशांत और दक्षिण चीन सागर में चीन का मुकाबला करने के लिए अमेरिका के लिए भारत से ज्यादा महत्वपूर्ण कोई भी देश नहीं है।

अमेरिका के लिए भारत का बड़ा योगदान है। इसके बेहतरीन पेशेवर लोग और मजबूत राजनीतिक और सांस्कृतिक स्थितियां सदैव फायदेमंद रही हैं। सीनेट की विदेशी संबंधों की समिति के ताकतवर सदस्य और रिपब्लिकन सीनेट टोड यंग सहित कई सांसदों ने कहा है कि ऐसे संकटकालीन समय रूस से मिसाइल प्रणाली खरीद के मामले में भारत पर कोई प्रतिबंध लगाया तो हम भरोसेमंद साथी को गंवा देंगे।

टोड ने कहा कि इसका असर क्वाड पर भी पड़ेगा, जो चीन से लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। थिकटैंक ने भी कहा है कि भारत अमेरिका के लिए बहुत ही विश्वस्त सहयोगी है। चीन से मुकाबला करने में भारत ही सक्षम है। ऐसी स्थिति में अच्छे मित्र की तरह ही उसके साथ व्यवहार करना होगा।

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