अमेरिका ने भारतीय सामानों पर टैरिफ दोगुना किया
अमेरिका ने भारतीय सामानों पर टैरिफ यानी आयात टैरिफ को दोगुना कर दिया है। इसमें रूस से कच्चा तेल खरीदने पर 25% अतिरिक्त जुर्माना भी शामिल है। इस फैसले को भारत ने अनुचित बताया है।हालांकि भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह बातचीत और समझौते के लिए दरवाजा खुला रखना चाहता है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत और अमेरिका के बीच बातचीत का रास्ता खुला है और दोनों देशों के दीर्घकालिक संबंधों को देखते हुए यह समस्या समय के साथ सुलझ जाएगी। भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ बुधवार से लागू हो जाने के साथ इससे अरबों डॉलर का भारतीय निर्यात खतरे में आ जाने के बीच यह बात कही गई है।
सूत्रों ने कहा, ‘निर्यातकों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारतीय निर्यात की विविधता इस बढ़े हुए टैरिफ के प्रभाव को कम कर सकती है।
उन्होंने यह भी कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में अमेरिका को भारत का निर्यात 21.64 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 33.53 अरब डॉलर रहा है। यदि यह रुझान आगे भी कायम रहता है, तो पिछले वित्त वर्ष के 86.5 अरब डॉलर की वार्षिक निर्यात राशि को भी पार किया जा सकता है।
इस बीच सरकार ने निर्यातकों को सुरक्षा कवच देने के लिए कई कदम उठाने के संकेत दिए हैं। सूत्रों ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय इस सप्ताह रसायन, रत्न-आभूषण जैसे क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठकें आयोजित कर रहा है। इसके अतिरिक्त, बजट 2025–26 में घोषित ‘निर्यात संवर्धन मिशन’ पर तेजी से काम हो रहा है। एक अधिकारी ने कहा, ‘अगले दो-तीन दिनों में वाणिज्य मंत्रालय विविध क्षेत्रों में निर्यात को बढ़ावा देने की योजनाओं पर संबंधित पक्षों से मुलाकात करेगा।
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने ‘फॉक्स बिजनेस’ के साथ बातचीत में भारत-अमेरिका संबंध को बेहद जटिल बताने के साथ ही उम्मीद जताई कि आखिरकार दोनों देश एक साथ आएंगे। बेसेंट ने कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच व्यक्तिगत स्तर पर अच्छे संबंध हैं और यह केवल रूसी तेल का मामला नहीं है।

