CJI गवई पर हमले के बाद अखिलेश यादव का बयान, अब और अपमान नहीं सहेगा पीडीए
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने के प्रयास की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि अब पीडीए इस हद तक अपमान नहीं सहेगा।
अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर ‘एक्स’ पर लिखा, ”पीडीए समाज का अपमान करने वाले ऐसे असभ्य लोग दरअसल अपने दंभ और अहंकार के मारे होते हैं। इनकी प्रभुत्ववादी सोच नफरत को जन्म देती है। ये नफरत जितनी देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर आसीन व्यक्ति के प्रति होती है, उतनी ही समाज के सबसे कमजोर व्यक्ति के लिए भी होती है। ऐसे लोग वर्चस्ववाद की बीमारी से ग्रसित होते हैं। हम इसलिए कहते हैं, पीडीए का मतलब है ‘पीड़ित, दुखी, अपमानित’।” सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक वकील ने प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई की ओर जूता फेंकने का प्रयास किया, जिसे नाकाम कर दिया गया और उसे बाहर निकाल दिया गया।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पीडीए का नारा दिया था और इसका मतलब पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक बताया था। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ”पीडीए समाज उदारता और भले मन के कारण 5000 सालों से ऐसे लोगों को माफ़ करता आया है, लेकिन अब पीडीए समाज इस तरह और अपमान नहीं सहेगा।”
अखिलेश ने कहा कि बीजेपी और उसके संगी-साथी अपनी सत्ता के अंतिम दौर में हैं , क्योंकि उनकी भ्रष्ट चुनावी साज़िश का भंडाफोड़ हो चुका है, वो अब कभी नहीं जीतेंगे। इसीलिए हताश होकर वो ऐसे कुकृत्य कर रहे हैं। भाजपाई इस बार जाएंगे तो फिर कभी नहीं आएंगे क्योंकि जब आबादी का 90% हिस्सा अपने हक़-अधिकार के लिए जाग गया है तो 10% का गुरूर और सिंहासन अब और नहीं टिकेगा। भारत के सामाजिक-राजनीतिक इतिहास में ये दौर ‘अपमान बनाम सम्मान’ के संघर्ष का है। पीडीए अपने स्वाभिमान और स्वमान का ये अंतिम संघर्ष निर्णायक रूप से जीतकर रहेगा।

