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अखिलेश यादव ने बीजेपी से पूछे 109 सवाल, कहा- ‘झूठी सरकार को जनता उखाड़ फेंकेगी

अखिलेश यादव ने बीजेपी से पूछे 109 सवाल, कहा- ‘झूठी सरकार को जनता उखाड़ फेंकेगी

लोकसभा चुनाव 2024 में चुनाव प्रचार अपने चरण पर है। अब तक दो चरणों का मतदान हो चुका है, जबकि 7 मई को होने वाले तीसरे चरण के मतदान की तैयारी चल रही है। तीसरे चरण की वोटिंग से ठीक पहले समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी से कुछ चुभने वाले सवाल पूछे हैं। उन्होंने ये सवाल पूछते हुए कहा है कि जनता बीजेपी की झूठी सरकार को उखाड़ फेंकेगी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट शेयर कर बीजेपी से 109 सवाल पूछे हैं।

उन्होंने इस सवाल का शीर्षक ‘भाजपा की झूठी सरकार और जनता का सच्चा सवाल’ रखा है। अपने 109 सवालों में उन्होंने कई विषयों पर बीजेपी और उसकी सरकार को घेरा है। इन सवालों में कोरोना वैक्सीन को लेकर पूछा गया है कि बीजेपी ने बिना परीक्षण किए लोगों को जानलेवा कोरोना वैक्सीन क्यों दी? वहीं, पार्टी ने कोरोना वैक्सीन निर्माता कंपनी से करोड़ों रुपये लेकर लोगों की जान जोखिम में क्यों डाली? उन्होंने अपने समर्थकों को जांच पड़ताल किए बिना दवाएँ और अन्य उत्पाद बेचने की अनुमति क्यों दी?

किसानों को लेकर पूछा गया है कि बीजेपी ने किसानों की राह में कांटे क्यों बिछाए? उन्होंने किसानों पर लाठियां क्यों बरसाईं? किसानों को समय पर भुगतान का झूठा वादा क्यों किया? किसानों की खाद की बोरियों से चोरी क्यों की? एमएसपी पर किसानों से झूठ क्यों बोला गया? उन्होंने ऐसे लोगों को अपने साथ क्यों रखा जो किसानों को मारने की धमकी देते थे और फिर वास्तव में उन्हें मार देते थे? जब आपने अमीरों का लाखों करोड़ों का कर्ज माफ किया तो किसानों और व्यापारियों का कर्ज क्यों माफ नहीं किया?

महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और हिंसा को लेकर सपा प्रमुख ने पूछा है कि मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा पर बीजेपी और मुख्यमंत्री चुप क्यों रहे? महिलाओं की इज्जत से खिलवाड़ करने वाले कर्नाटक के अपराधियों को आपने अपना साथी क्यों बनाया? भाजपा ने बलात्कारियों को क्यों छोड़ा और फिर उन्हें हार पहनाकर सम्मानित क्यों किया? पार्टी ने अपने पार्टी सदस्यों को विश्वविद्यालय परिसर में छात्राओं से बलात्कार करने के लिए क्यों प्रोत्साहित किया? हाथरस में रेप और मौत के बाद दलित बेटी से अंतिम संस्कार का अधिकार क्यों छीना गया?

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