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जमीन घोटाले में बेटे का नाम आने पर भड़के अजित पवार

जमीन घोटाले में बेटे का नाम आने पर भड़के अजित पवार

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पुणे की विवादित लैंड डील से खुद को पूरी तरह अलग बताते हुए कहा कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है और वे किसी भी गलत काम को बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह सौदा अमाडिया एंटरप्राइजेज (Amadea Enterprises LLP) नामक कंपनी से जुड़ा है, जिसमें उनके बेटे पार्थ पवार साझेदार बताए जा रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, जमीन घोटाले का यह मामला पुणे के मुंधवा इलाके की 40 एकड़ सरकारी जमीन का है. आरोप है कि करीब 1800 करोड़ मूल्य की यह भूमि मात्र 300 करोड़ में बेची गई. सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार यह जमीन महाराष्ट्र सरकार (Government of Maharashtra) के नाम पर दर्ज थी, यानी यह सरकारी संपत्ति थी जिसे निजी कंपनी को बेचा नहीं जा सकता थाl

इस डील में अपना नाम सामने आने पर अजित पवार ने पत्रकारों से कहा, ‘मैं इस डील से जरा भी जुड़ा नहीं हूं। अगर किसी ने नियमों के खिलाफ कुछ किया है तो मैं उसका समर्थन नहीं करूंगा। मैंने कभी किसी अधिकारी से किसी रिश्तेदार या पार्टी कार्यकर्ता के पक्ष में कोई बात नहीं की। उन्होंने साफ कहा कि उनके बच्चे अब अपने कामकाज के लिए खुद जिम्मेदार हैं और वे किसी के गलत काम को संरक्षण नहीं देंगे।

इस विवाद पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गंभीरता दिखाते हुए उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की है। जांच की जिम्मेदारी अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) विकास खारगे को दी गई है। फडणवीस ने कहा कि पहली नजर में मामला गंभीर लगता है और उन्होंने संबंधित विभागों से सभी दस्तावेज़ मांगे हैं। सरकार ने इस मामले में एक तहसीलदार और एक सब-रजिस्ट्रार को निलंबित कर दिया है। आरोप है कि उन्होंने बिना अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) के ही जमीन का पंजीकरण कर दिया।

राज्य के पंजीयन महानिरीक्षक (IGR) रवींद्र बिनवडे ने बताया कि समिति यह जांचेगी कि सरकारी भूमि निजी कंपनी को कैसे बेची गई और क्या कोई विशेष छूट दी गई थी। उन्होंने कहा, ‘अगर यह सरकारी जमीन थी, तो रजिस्ट्री नहीं होनी चाहिए थी, लेकिन दस्तावेज मात्र 500 रुपये में रजिस्टर्ड किए गए और करीब 6 करोड़ के स्टांप शुल्क में भी छूट दी गई।

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