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हाईकोर्ट के आदेश के बाद सुनीता केजरीवाल ने विशेष वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाया

हाईकोर्ट के आदेश के बाद सुनीता केजरीवाल ने विशेष वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाया

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी, सुनीता केजरीवाल, को एक विशेष वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) से हटाने का निर्देश दिया है। यह निर्देश हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया, जिसमें दावा किया गया था कि वीडियो में निहित सामग्री आपत्तिजनक और मानहानि करने वाली है। सुनीता केजरीवाल ने अदालती कार्यवाही के दौरान रिकॉर्ड किए गए वीडियो को अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर शेयर किया था।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में उल्लेख किया कि उक्त वीडियो में कुछ गलत तथ्यों को प्रस्तुत किया गया है, जोकि किसी व्यक्ति की छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं और सार्वजनिक रूप से गलत धारणाएं पैदा कर सकते हैं। अदालत ने इस पर संज्ञान लेते हुए सुनीता केजरीवाल को निर्देशित किया कि वे उक्त वीडियो को तुरंत प्रभाव से सोशल मीडिया प्लेटफार्म से हटाएं।

हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर ऐसी सामग्री का प्रसार जो कि झूठी और मानहानि करने वाली हो, अस्वीकार्य है और इससे लोगों की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। अदालत ने जोर देते हुए कहा कि इस प्रकार की सामग्री को फैलाने से पहले उसकी सत्यता की जांच आवश्यक है और ऐसा न करना कानून का उल्लंघन माना जा सकता है।

सुनीता केजरीवाल के वकील ने अदालत में कहा कि उनकी मुवक्किल का इरादा किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का नहीं था और वे अदालत के निर्देशों का पालन करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि वे भविष्य में इस प्रकार की किसी भी सामग्री को पोस्ट करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करेंगी।

इस मामले में अदालत ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स को भी निर्देशित किया कि वे अपने प्लेटफार्म पर किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक और झूठी सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। अदालत ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की जिम्मेदारी है कि वे अपने उपयोगकर्ताओं द्वारा पोस्ट की जाने वाली सामग्री की निगरानी करें और समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाएं।

इस आदेश के बाद, सुनीता केजरीवाल ने उक्त वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफार्म से हटा लिया है। हाईकोर्ट का यह निर्णय सोशल मीडिया के उपयोग और जिम्मेदारी पर एक महत्वपूर्ण संदेश है और इसे अन्य मामलों के लिए एक नजीर के रूप में देखा जा सकता है।

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