विधानसभा चुनाव के बाद जम्मू कश्मीर में कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी पुलिस को सौंप दी जाएगी: अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बाद कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी धीरे-धीरे केंद्रीय बलों से हटाकर पूरी तरह से पुलिस को सौंप दी जाएगी। गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की कानून व्यव्स्था पूरी तरह से पुलिस को सौंपने की योजना के बारे में बताया। गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि केंद्र सरकार की योजना जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी से केंद्रीय बलों को धीरे-धीरे हटाने की है।
गुलिस्तान न्यूज चैनल को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 पर जम्मू-कश्मीर की जनता में एक भ्रांति फैलाई गई थी, जो अब पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। मुझे खुशी है कि आज जम्मू-कश्मीर की जनता इस चीज को महसूस कर रही है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में शांति आई है, टूरिज्म बढ़ा है, आतंकवाद खत्म हो गया है, पत्थरबाजी जीरो हो गई है। 30 साल के बाद मोहर्रम का जुलूस निकला है।
गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद विरोधी अभियानों में जम्मू-कश्मीर पुलिस की बढ़ी हुई क्षमताओं और महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने पुलिस बल को मजबूत करने के लिए सरकार की पहलों को श्रेय दिया। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति में सुधार को देखते हुए, सरकार सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) के दायरे की समीक्षा करने पर विचार कर रही है।
शाह ने जम्मू-कश्मीर में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भाजपा की प्रतिबद्धता दोहराई न कि केवल तत्काल राजनीतिक लाभ पर ध्यान केंद्रित करने की। उन्होंने पार्टी के अपने अस्तित्व का विस्तार करने और लोगों को अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करने में सक्षम बनाने के लिए समर्पण को रेखांकित किया। अलगाववादी गुटों के साथ किसी भी बातचीत को खारिज करते हुए शाह ने कश्मीर के युवाओं के साथ जुड़ने के सरकार के इरादे पर प्रकाश डाला।
अपने इस इंटरव्यू में गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस, एनसी और पीडीपी पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि ये जो तीन पार्टियां हैं इन तीनों परिवारवादी पार्टियों ने जम्मू-कश्मीर में जम्हूरियत को रोका है। आजादी के बाद आज तक यहां पंचायत के चुनाव नहीं हुए थे। आज 30 हजार से ज्यादा जनता के प्रतिनिधि पंचायती चुनाव में हिस्सा ले चुके हैं। ये बहुत बड़ी सफलता है।
मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि जम्मू-कश्मीर की तीन प्रमुख वंशवादी राजनीतिक पार्टियों को जनता बाहर कर देगी। इसके अलावा, पाकिस्तान के पक्ष में बोलने वाले सभी लोगों को जम्मू-कश्मीर के लोगों द्वारा करारा जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र स्थापित करने का मोदी सरकार का वादा है। मोदी जी ने पार्लियामेंट में इस वादे को सार्वजनिक किया है। मैंने भी इस पर बल देकर कहा है। ये पत्थर पर लकीर है कि मोदी का वादा पूरा होने के लिए होता है।
जम्मू और कश्मीर में पहली बार ओबीसी आरक्षण दिया गया है। अब महिलाओं को विधानसभा में एक तिहाई आरक्षण मिलेगा। पंचायत में भी ओबीसी आरक्षण दिया गया है। इसके अलावा, एससी और एसटी को भी समायोजित किया गया है। गुर्जर और बकरवाल के अधिकारों को छीने बिना, पहाड़ी क्षेत्र के लोगों को अलग से 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।