रिहाई के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंढेेर का एलान, आंदोलन जारी रहेगा

रिहाई के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंढेेर का एलान, आंदोलन जारी रहेगा

केंद्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद पुलिस कार्रवाई के दौरान हिरासत में लिए गए किसान नेताओं सरवन सिंह पंधेर, अभिमन्यु कोहाड़ और काका सिंह कोटड़ा को आज रिहा कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि किसान मजदूर मोर्चा के नेता पंधेर को मुक्तसर जेल से रिहा किया गया जबकि कोहाड़, कोटड़ा और कुछ अन्य किसान नेताओं को पटियाला केंद्रीय कारागार से रिहा किया गया

पंजाब में किसानों का सरकार के खिलाफ गुस्सा थमता नजर नहीं आ रहा है। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी-पंजाब के नेता सरवन सिंह पंधेर ने जेल से रिहा होते ही राज्य सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर किसानों का विरोध केंद्र सरकार के खिलाफ था, तो फिर पंजाब सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों की? उन्होंने अपने टेंट और ट्रैक्टरों को हुए नुकसान की भरपाई की मांग की और साफ किया कि उनका आंदोलन जारी रहेगा।

सरवन सिंह पंधेर इससे पहले भी पंजाब सरकार की आलोचना कर चुके हैं। रिहाई से पहले उन्होंने एक वीडियो जारी कर बहादुरगढ़ किले में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के मोर्चों को जबरन हटाया, जो निंदनीय है। वहीं, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और कई अन्य नेताओं को 19 मार्च को पंजाब पुलिस ने हिरासत में लिया था।

पुलिस ने 19 मार्च को किसान नेताओं को उस समय हिरासत में लिया गया था जब वे चंडीगढ़ में कृषि मंत्री के नेतृत्व वाले केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद लौट रहे थे। इसके बाद रात में ही पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर से किसानों और उनके टेंट-तंबू को हटा दिया।

जेल से निकलने के बाद किसान मजदूर संघर्ष कमेटी-पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मीडिया से बात करते हुए शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ की गई पंजाब पुलिस की कार्रवाई की निंदा की।

पंढेेर ने कहा, “मुझे आज मुक्तसर साहिब जेल से रिहा कर दिया गया है। आम आदमी पार्टी और भगवंत मान कह रहे थे कि किसानों का विरोध केंद्र सरकार के खिलाफ है। लेकिन आज सवाल उठता है कि पंजाब सरकार की किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने की क्या मजबूरी थी? हमारे टेंट और ट्रैक्टर आदि को हुए नुकसान की भरपाई सरकार को करनी चाहिए। हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

बता दें कि, सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुद को किसानों के प्रति सहयोगी भावना रखने वाला बताते हुए 450 और किसानों की रिहाई का आदेश दिया। पुलिस महानिरीक्षक सुखचैन सिंह गिल ने दावा किया कि अब तक 800 किसानों को छोड़ा जा चुका है। लेकिन किसानों का कहना है कि सरकार एक तरफ बातचीत का दिखावा कर रही है, तो दूसरी तरफ दमनात्मक कार्रवाई जारी रखी है।

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