केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल में कहा कि सीएए के तहत शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने की प्रक्रिया कोरोना टीकाकरण समाप्त होने के बाद शुरू हो जाएगी. साथ ही अमित शाह ने विपक्ष पर अल्पसंख्यक समुदाय को संशोधित नागरिकता कानून पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसे लागू किए जाने से भारतीय अल्पसंख्यकों की नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
اअमित शाह ने कहा कि जब मोदी सरकार आई थी उसी समय ये वादा किया गया था कि वह नया नागरिकता कानून लाएगी और 2019 में भाजपा के सत्ता में आते ही वादे को पूरा किया गया. उन्होंने कहा कि 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका.
गृहमंत्री ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा: ‘‘ममता दीदी ने कहा कि हमने गलत वादा किया. उन्होंने सीएए का विरोध करना शुरू कर दिया और कहती हैं कि वह इसे कभी लागू नहीं होने देंगी. भाजपा अपने वादे हमेशा पूरे करती है। हम इस कानून को लेकर आए हैं और शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी.”
बता दें गृह मंत्री ने मातुआ समुदाय के गढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जैसे ही कोरोना टीकाकरण समाप्त होगा सीएए के तहत नागरिकता देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.”
गौर तलब है कि मातुआ मूल रूप से पूर्वी पाकिस्तान के कमजोर तबके के हिंदू हैं जो बंटवारे के बाद और बांग्लादेश के निर्माण के बाद भारत आ गए थे। उनमें से कई को भारतीय नागरिकता मिल गई है लेकिन बड़ी आबादी को अभी तक नागरिकता नहीं मिली है.