एग्ज़िट पोल के अनुसार, बिहार में भारी बहुमत से बनेगी एनडीए सरकार
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण की वोटिंग मंगलवार शाम 6 बजे ख़त्म होते ही सात एग्ज़िट पोल के नतीजे सामने आए, जिनमें सत्तारूढ़ एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलने का अनुमान है। सभी एग्ज़िट पोल्स के औसत (पोल ऑफ पोल्स) के अनुसार एनडीए को 147 सीटें, महागठबंधन को 91, जन सुराज को 1 और अन्य को 4 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।
मैट्राइज के मुताबिक एनडीए को 147-167, महागठबंधन को 70-90 और जन सुराज को 0-2 सीटें मिल सकती हैं। वहीं P-MARQ ने एनडीए को 142-162, महागठबंधन को 80-98 और जन सुराज को 1-4 सीटों का अनुमान दिया है। पीपल्स पल्स ने एनडीए के लिए 133-159, महागठबंधन के लिए 75-101, जन सुराज के लिए 0-5 सीटें बताई हैं।
चाणक्य स्ट्रैटजीज ने एनडीए को 130-138 और महागठबंधन को 100-108 सीटें दी हैं। पोल स्ट्रैट ने एनडीए को 133-148 और महागठबंधन को 87-102 सीटें दीं। जेवीसी पोल ने एनडीए को 135-150, महागठबंधन को 88-103 और जन सुराज को 0-1 सीटों का अनुमान दिया। दैनिक भास्कर के अनुसार एनडीए को 145-160, महागठबंधन को 73-91 और अन्य को 5-10 सीटें मिल सकती हैं।
दूसरे चरण में रिकॉर्ड 67.14 प्रतिशत मतदान हुआ, जो अब तक का सर्वाधिक है। पहले चरण में 64.66 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। दूसरे चरण की 122 सीटों पर 20 जिलों में मतदान सुबह 7 से शाम 6 बजे तक चला। चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान के लिए नेपाल सीमा को 72 घंटे के लिए सील किया था।
एनडीए ने विकास, कल्याण योजनाओं और जातिगत समीकरणों पर ज़ोर दिया, जबकि महागठबंधन ने बेरोजगारी, पलायन और ‘जंगलराज’ के मुद्दे उठाए। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और खुद को “तीसरा विकल्प” बताया, लेकिन एग्ज़िट पोल्स में इसे 0 से 5 सीटों तक सीमित दिखाया गया है। उनकी ‘बिहार बदलाव यात्रा’ और युवाओं पर फोकस का असर वोटरों पर नहीं दिखा।
चुनाव के इस नतीजे से साफ है कि नीतीश कुमार और बीजेपी गठबंधन मजबूत स्थिति में हैं, जबकि महागठबंधन को पिछली बार की तुलना में कम सीटें मिलने की संभावना है। हालांकि 2020 की तरह इस बार भी अंतिम परिणाम 14 नवंबर को वोटों की गिनती के बाद ही तय करेगा कि बिहार की सत्ता किसके हाथ जाएगी।

