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दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में एबीवीपी की अध्यक्ष पद समेत तीन पदों पर जीत

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में एबीवीपी की अध्यक्ष पद समेत तीन पदों पर जीत

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने जीत हासिल की है। इस चुनाव में ABVP के आर्यन मान (Aryan Mann) अध्यक्ष, कुणाल चौधरी सचिव और दीपिका झा संयुक्त सचिव चुने गए, जबकि कांग्रेस समर्थित एनएसयूआई को बेहद रोमांचक मुकाबले में केवल एक पद से ही संतोष करना पड़ा।

उपाध्यक्ष पद NSUI के खाते में
एनएसयूआई उम्मीदवार राहुल झांसला (29,339 मत) ने एबीवीपी के गोविंद तंवर (20,547 मत) को हराकर उपाध्यक्ष पद पर जीत हासिल की।

अध्यक्ष पद पर ABVP की जीत
एबीवीपी के आर्यन मान ने एनएसयूआई की अपनी प्रतिद्वंद्वी जोसलिन नंदिता चौधरी को 16,196 मतों के अंतर से हराकर अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की। अध्यक्ष पद जीतने के बाद आर्यन मान ने दिल्ली के छात्रों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “मैं सभी छात्रों का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने मुझे वोट दिया और चुनाव में जिताया है।

DUSU के नए अध्यक्ष बने आर्यन मान के प्रचार में रेंज रोवर सहित कई अन्य लग्जरी गाड़ियों का भी इस्तेमाल हुआ था, उनके लिए वोट मांगने बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त और सोनू सूद भी पहुंचे थे।

आर्यन मान हरियाणा के बहादुरगढ़ के रहने वाले हैं। वो राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल खिलाड़ी हैं, उनके पिता का नाम सिकंदर मान है, सिकंदर मान हरियाणा के बड़े कारोबारी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आर्यन मान के पिता सिकंदर मान बेरी स्थित एडीएस ग्रुप के कार्यकारी निदेशक हैं। आर्यन के भाई विराट एडीएस ग्रुप के सीईओ हैं, और रोकोब्रांड के निदेशक भी हैं. सिकंदर मान के परिवार की पहचान एक शराब ब्रांड से भी जुड़ी है।

मालूम हो कि दिल्‍ली यूनिवर्सिटी चुनाव 2025 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने DUSU चुनाव की 4 में से 3 सीटों पर बड़ी जीत दर्ज की है. NSUI के खाते में सिर्फ एक पद आया है। ABVP के कुणाल चौधरी ने 23,779 वोट हासिल कर एनएसयूआई के कबीर को हराकर सचिव पद पर जीत हासिल की। एबीवीपी की दीपिका झा ने लवकुश भड़ाना को हराकर संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल की।

एनएसयूआई की प्रतिक्रिया
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “पार्टी ने इस चुनाव में अच्छी लड़ाई लड़ी। ये चुनाव न केवल एबीवीपी के खिलाफ था बल्कि, डीयू प्रशासन, दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार, संघ-भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और दिल्ली पुलिस की संयुक्त ताकत के खिलाफ भी था।”

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