मध्य प्रदेश, राजस्थान चुनाव के लिए आप तैयार
आम आदमी पार्टी अपने नेताओं की गिरफ़्तारी और ईडी की छापेमारी से जूझ रही है। अरविंद केजरीवाल के दो क़रीबी नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जेल में हैं। सत्येंद्र जैन फ़िलहाल जेल से बाहर हैं। उनकी बीमारी को देखते हुए उन्हें इलाज के लिए न्यायालय ने ज़मानत दी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली सरकार को जो पावर मिली थी उसे केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर फिर से ख़त्म कर दिया है।
इसके बाद केजरीवाल लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है, और केंद्र सरकार की लगातार आलोचन कर रहे हैं। इसके लिए वह विपक्षी नेताओं से भी मिल रहे हैं। उन्होंने राहुल गाँधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी मिलने का समय माँगा था। जिस समय सिसोदिया जेल जा रहे थे उसके दूसरे दिन केजरीवाल मध्य प्रदेश में आगामी विधान सभा चुनाव के लिए रैली कर रहे थे।
यह भी सत्य है कि आम आदमी पार्टी से अगर किसी पार्टी को नुक़सान हुआ है तो वह कांग्रेस को ही हुआ है। क्योंकि जो आम आदमी पार्टी के वोटर हैं वो पहले कांग्रेस के वोटर थे। जबकि भाजपा का अपना वोट बैंक है जो निश्तित तौर पर केवल भाजपा को वोट देता है। इसीलिए भाजपा दूसरी पार्टियों से अधिक मज़बूत नज़र आती है।
और यह भी तय है की आम आदमी पार्टी को जितने अधिक वोट मिलेंगे कांग्रेस उतनी ही कमज़ोर होगी,और भाजपा उतनी ही मज़बूत। तीन दिन पहले 15 जून को आप आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कांफ्रेस कर कहा कि विपक्षी दल एक जुट नहीं हुए तो 2024 के बाद देश में चुनाव ही नहीं होंगे।
इस दौरान उन्होंने एक शर्त यह रख दी कि यदि कांग्रेस दिल्ली और पंजाब में चुनाव नहीं लड़ेगी तब आम आदमी पार्टी राजस्थान और मध्य प्रदेश को छोड़ने के लिए तैयार है। यही शर्त ममता बनर्जी और अखिलेश यादव ने भी रखी थी। यह एक ऐसी शर्त है जिसे मानना कांग्रेस के लिए असंभव होगा, क्योंकि अगर कांग्रेस इन शर्तों को मान ले तो फिर उसको गठबंधन करने का कोई फायदा नहीं होगा।
जबकि आप ने पहले ही एलान कर दिया था कि राजस्थान की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। इसके लिए पूरी तैयारी भी की जा चुकी है। प्रत्याशियों के चयन की प्रकिया भी लगभग पूरी हो चुकी है। आने वाले दिनों में भी प्रत्याशियों की सूची जारी की जा सकती है, जिससे समय रहते उनकी ओर से तैयारी की जा सकें।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भी आपकी ओर से तेजी से तैयारी की जा रही है। 14 मार्च को भोपाल में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान की ओर से बड़ी रैली की गई थी, जिसमें आप की ओर से सबसे ज्यादा हमला कांग्रेस पर ही किया गया था।
आप के प्रवक्ता अतुल शर्मा ने बताया कि पार्टी की अगली सभा एक जुलाई को ग्वालियर मे होने जा रही है। शर्मा के अनुसार मध्यप्रदेश मे आम पार्टी के सदस्य के तौर पर पांच लाख से ज्यादा लोगों को जोड़ा जा चुका है।
चुनाव विश्लेषक यशवंत देशमुख का कहना है कि आप ने जो शर्त रखी है, उसके पीछे तर्क है। यदि विपक्षी एकता की बात की जाए तो समझौता तो करना ही पड़ेगा, ऐसा न करने की स्थिति में सबसे अधिक नुकसान भी कांग्रेस को होगा। क्योंकि आप ने दिल्ली, पंजाब और गुजरात में कांग्रेस को डेंट लगा दिया है।
आने वाले समय में राजस्थान और मध्य प्रदेश में क्या होगा। यह तो वक्त बताएगा, लेकिन इतना तय है कि आप की गाड़ी जिस तेजी से इन दोनों राज्यों में बढ़ी रही है, वहां से शायद ही अब आप वापस लाए। लेकिन इससे सबसे अधिक कांग्रेस को ही सतर्क होने की जरूरत है।
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