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शिवपुरी में छुआछूत से परेशान 40 हिदू परिवारों ने अपनाया बौद्ध धर्म

शिवपुरी में छुआछूत से परेशान 40 हिदू परिवारों ने अपनाया बौद्ध धर्म

शिवपुरी में करीब 40 जाटव परिवारों ने सनातन छोड़ बौद्ध धर्म अपना लिया। धर्म परिवर्तन करने वालों का कहना है कि गांव में उनके साथ छुआछूत की जाती है। मामला 31 जनवरी का है। इसका वीडियो 2 फरवरी को सामने आया है। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में लगभग 40 परिवारों से जुड़े लोगों के धर्म परिवर्तन कर बौद्ध धर्म अपनाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

प्रशासनिक अधिकारी इस वीडियो को लेकर कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह करैरा के ग्राम बहगवां का बताया जा रहा है। बौद्ध धर्म अपनाने वालों ने उनके साथ छुआछूत का आरोप लगाया है। वहीं, गांव के सरपंच का कहना है कि सभी आरोप निराधार हैं। ग्रामीणों को बहलाफुसला कर उनसे बौद्ध धर्म स्वीकार करवाया गया है।

जानकारी के अनुसार ग्राम बहगवां में पूरे गांव के लोगों ने एक साथ मिलकर भागवत कथा का आयोजन करवाया था। गांव में 25 साल बाद सम्मिलित रूप से हुई भागवत कथा के लिए सभी समाज के लोगों ने चंदा एकत्रित किया। इसी क्रम में एक साथ पूरा आयोजन किया गया। इस दौरान भागवत कथा के भंडारे से एक दिन पहले जाटव समाज के 40 घरों ने अचानक से बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया और हिंदू धर्म का परित्याग करने की शपथ ली।

महेंद्र बौद्ध का कहना है कि भंडारे में सभी समाजों को काम बांटे गए थे। इसी क्रम में जाटव समाज को पत्तल परसने और झूठी पत्तल उठाने का काम सौंपा गया, लेकिन बाद में किसी व्यक्ति ने यह कह दिया कि अगर जाटव समाज के लोग पत्तल परसेंगे तो पत्तल तो वैसे ही खराब हो जाएगी। ऐसे में इनसे सिर्फ झूठी पत्तल उठवाने का काम करवाया जाए। अंत में गांव वालों ने कह दिया कि अगर आपको झूठी पत्तल उठाना है तो उठाओ नहीं तो खाना खाकर अपने घर जाओ।

सरपंच ने आरोपों को बताया ग़लत
इस मामले में गांव के सरपंच गजेंद्र रावत का कहना है कि जाटव समाज के आरोप पूरी तरह निराधार हैं। उनके अनुसार उक्त समाज के लोगों ने एक दिन पूर्व ही अपने हाथ से केले का प्रसाद बांटा था जो पूरे गांव ने लिया और खाया भी। उनके अनुसार गांव में बौद्ध भिक्षु आए थे, उन्होंने समाज के लोगों को बहलाफुसला कर धर्म परिवर्तन करवाया है। पूरे गांव में किसी भी तरह का काम किसी समाज विशेष को नहीं बांटा गया था। सभी ने मिलजुलकर सारे काम किए हैं।

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