पहलगाम हमले में शामिल 3 आतंकी मारे गए: गृहमंत्री अमित शाह
लोकसभा में मंगलवार को आतंकवाद के खिलाफ भारत के ताजा सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन महादेव’ पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए निर्दोष टूरिस्टों के नरसंहार के पीछे पाकिस्तान का हाथ था। उन्होंने बताया कि इस हमले में शामिल तीन प्रमुख आतंकियों — सुलेमान, फैजल अफगान और जिब्रान — को एक संयुक्त सैन्य अभियान में मार गिराया गया है।
गृहमंत्री ने कहा, “पहलगाम में टूरिस्टों को धर्म पूछकर बर्बरता से मारा गया, जो मानवता के खिलाफ घिनौना अपराध है। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं और मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूं।”
शाह ने यह भी बताया कि भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए सेना को अनुमति दी थी, जिसके तहत पाकिस्तान में मौजूद आतंकी अड्डों पर सटीक और विनाशकारी हमले किए गए। उन्होंने कहा, “सेना ने पाकिस्तान के अड्डों को चूर-चूर कर दिया है। यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है।”
उन्होंने संसद को बताया कि मारे गए आतंकी सुलेमान, लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर था और उसके पाकिस्तान से संचालित नेटवर्क से गहरे संबंध थे। फैजल अफगान और जिब्रान को ‘ए श्रेणी’ का खतरनाक आतंकी बताया गया। गृहमंत्री ने दावा किया कि सुरक्षा एजेंसियों के पास इनके खिलाफ पर्याप्त तकनीकी और जमीनी साक्ष्य मौजूद हैं।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि यह समय केवल बदला लेने का नहीं, बल्कि आत्ममंथन का भी है। “सदन में पक्ष और विपक्ष, दोनों को विचार करना चाहिए कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। हमें राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर एकजुट होना होगा।
गृहमंत्री शाह ने कहा- आतंकी कहां से आए, कहां गए, ये जिम्मेदारी किसकी है? ये हमारी ही जिम्मेदारी है। जब आपकी सरकार थी, तब किसकी जिम्मेदारी थी। कल चिदंबरम ने सवाल उठाया कि आतंकी पाकिस्तान से आए, इसका सबूत कहां है।
शाह ने कहा- चिदंबरम जी को कहना चाहता हूं कि हमारे पास सबूत है कि तीनों पाकिस्तानी थे। दो के तो पाकिस्तान के वोटर होने की बात मौजूद हैं। इनके पास जो चॉकलेट मिलीं, वो भी पाकिस्तान मेड हैं।
संसद की कार्यवाही से पहले विपक्षी दलों ने मकर द्वार के बाहर वोटर वेरिफिकेशन के मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किया। सांसद हाथों में पोस्टर लिए सरकार पर हमलावर दिखे और नारेबाजी की। गौरतलब है कि सोमवार से ही ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पहलगाम हमले को लेकर सदन में तीखी बहस जारी है, जिसमें सत्तापक्ष ने सुरक्षा बलों की कार्रवाई को सराहा, जबकि विपक्ष ने सरकार से खुफिया विफलता पर सवाल उठाए।

