महाराष्ट्र में पुष्पक एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में 13 लोगों की मौत

महाराष्ट्र में पुष्पक एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में 13 लोगों की मौत

महाराष्ट्र के जलगांव जिले में बुधवार शाम को हुए ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। यहां पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह फैली थी। इसके बाद यात्री ट्रेन से उतर गए और बगल की पटरी पर चले गए। इन्हें कर्नाटक एक्सप्रेस ने कुचल दिया।

लखनऊ से मुंबई जा रही पुष्पक एक्सप्रेस जलगांव के पास थी तभी ब्रेक से धुआं उठा। इससे अफवाह फैल गई कि ट्रेन में आग लग गई है। लोगों ने चेन खींचकर ट्रेन रोक दी। बहुत से लोग ट्रेन से उतर गए। इसी दौरान कई लोग बगल की पटरी पर चले गए। विपरीत दिशा से तेज रफ्तार में कर्नाटक एक्सप्रेस आई और यात्रियों को कुचल दिया।

सेंट्रल रेलवे के CPRO स्वप्निल निला ने हादसे की जांच करने, आग लगने की अफवाह कैसे फैली और क्यों फैली? यह पता लगाने की बात कही है, लेकिन हादसे की वजह तो कुछ और ही बताई जा रही है।

सेंट्रल रेलवे के भुसावल डिवीजन के आधिकारिक सूत्रों के हवाले से जानकारी सामने आई है कि हादसा होने से बच सकता था, अगर पटरियां घुमावदार न होतीं। जहां हादसा हुआ, वहां शार्प टर्न था। आग लगने की अफवाह के बाद जब जान बचाने को लोग पुष्पक एक्सप्रेस से कूदे और पटरियां पर बैठ गए तो कर्व होने की वजह से कर्नाटक एक्सप्रेस के पायलट को पटरियों पर बैठे लोग नजर नहीं आए और जब पायलट को वे दिखे तो वह स्पीड कंट्रोल करने में नाकाम रहा, परिणामस्वरूप लोग कुचले गए।

NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों ट्रेनों के पायलटों ने रेलवे इन्वेस्टिगेशन टीम को अपने बयान दर्ज कराए। उन्होंने बताया कि पायलटों ने रेलवे प्रोटोकॉल फॉलो करके हादसा रोकने की पूरी कोशिश की। पुष्पक एक्सप्रेस के पायलट ने आग लगने की अफवाह फैलते ही फ्लैशर लाइट ऑन कर दी थी। उस वक्त अफवाह फैलने की वजह से ट्रेन मुंबई से करीब 400 किलोमीटर दूर माहेजी और परधाडे स्टेशनों के बीच रुकी हुई थी।

फ्लैशर लाइट देखते ही कर्नाटक एक्सप्रेस के पायलट ने भी ब्रेक लगाए, लेकिन घुमावदार पटरियों, लो विजिबिलिटी के कारण ब्रेक लगने में देरी हुई, जिससे पटरियों पर बैठे लोगों और ट्रेन के बीच की दूरी प्रभावित हुई। ब्रेक लगने पर ट्रेन समय से उचित दूरी पर नहीं रुकी और लोगों को कुचलते हुए निकल गई, क्योंकि जिस रेलवे खंड पर हादसा हुआ, वहां एक्सप्रेस ट्रेनें 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हैं।

रेल मंत्रालय ने हादसे में हताहत हुए लोगों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। मारे गए यात्रियों के परिजनों को 1.5 लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा। घायलों को 50 हजार रुपए की मदद मिलेगी। जिन्हें हल्के जख्म लगे हैं उन्हें 5000 रुपए दिए जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने मारे गए लोगों के परिजनों से अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है। पीएम ने एक्स पर पोस्ट किया, “महाराष्ट्र के जलगांव में रेलवे ट्रैक पर हुए दुखद हादसे से दुखी हूं। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। प्रार्थना है कि सभी घायल जल्द स्वस्थ हों। अधिकारी प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।”

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