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श्रीराम मंदिर निर्माण ट्रस्ट में भ्रष्टाचारियों को क्यों दी गई जगह: शंकराचार्य

ट्रस्ट श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए बनाया गया था क्यों दी गई ट्रस्ट में भ्रष्टाचारियों को जगह: शंकराचार्य, रामनगरी अयोध्या में राम जन्मभूमि निर्माण ट्रस्ट पर लगे जमीन घोटाले के आरोप के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर आ चुकी है। विपक्षी दलों के नेताओं ने श्रीराम मंदिर ट्रस्ट से जुड़े जिन लोगों पर घोटाला करने के आरोप लगे हैं। उन्हें उनके पद से हटाने की मांग की है।

इस बीच शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने एक बयान देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को उनके पद से हटाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को गैर जिम्मेदार भी बताया है।

बता दें कि श्रीराम जन्म भूमि जमीन घोटाले के सामने आने के बाद द्विपीठाधीश्वर जगतगुरु ने नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर में परमहंसी गंगा आश्रम में एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया था।

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण ट्रस्ट के साथ-साथ भाजपा और आरएसएस पर भी निशाना साधा गया।

शंकराचार्य स्वामी सरस्वती ने कहा कि बड़े अफ़सोस की बात है कि ये ट्रस्ट श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए बनाया गया था लेकिन सरकार ने इस ट्रस्ट में भ्रष्टाचारियों को जगह दे दी गई।

आखिर चंपत राय हैं कौन? इन्हें पहले कोई जानता तक नहीं था। लेकिन उन्हें श्रीराम मंदिर निर्माण ट्रस्ट में महासचिव बना दिया गया मंदिर के निर्माण के लिए जो राशि जमा की गई। उससे इतने महंगे दामों पर जमीन खरीदी जा रही है।

बता दें आरोपी अपनी सफाई में चंपत राय ये कह रहे हैं कि उन पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप भी लग चुका है। लेकिन हम आरोपों की परवाह नहीं करते।

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि मैं जानना चाहता हूं कि इस तरह के गैर जिम्मेदार लोगों को इस पद पर क्यों बिठाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन्हें तुरंत पद से हटा देना चाहिए।

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