राजा महमूदाबाद के निधन पर लोगों ने उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी
राजा महमूदाबाद मोहम्मद अमीर मो. खान का मंगलवार को इंतकाल हो गया। राजा की मौत के बाद गमगीन माहौल हो गया, उनके किले पर लोगों की भीड़ लग गई।लोगों ने उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री अंबर रिजवी, सपा के पूर्व मंत्री नरेंद्र वर्मा, एमएलसी जास्मीन अंसारी सहित तमाम नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। मोहम्मद अमीर मो. खान की रियासत सीतापुर से लेकर लखनऊ तक फैली हुई थी। इसके अलावा वे साल 1985 और 1989 में कांग्रेस विधायक भी रहे। राजा की देश-विदेशों में लगभग 50 हजार करोड़ की संपत्ति है।
राजा महमूदाबाद और उनके परिवार की उत्तर प्रदेश से लेकर इराक, पाकिस्तान और अन्य देशों में भी संपत्तियां हैं। साल 2006 में हुए सरकारी आकलन के मुताबिक उनकी संपत्ति की कीमत करीब 50 हजार करोड़ रुपए थी।
पिता राजा मोहम्मद अमीर अहमद खान की मौत के बाद तकरीबन पचास हजार करोड़ की संपत्ति को लेकर राजा ने संघर्ष शुरू किया था। इनके पिता देश के बंटवारे के साथ ही पाकिस्तान चले गए थे, लेकन उन्होंने भारत में ही रहने का फैसला किया।
रक्षा अधिनियम-1962 के तहत सरकार ने पाकिस्तान गए राजा और उनके परिवार वालों की संपत्ति को अपने संरक्षण में लेकर शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया था। साल 1973 में उनके बेटे राजा मोहम्मद आमिर मोहम्मद खान ने संपत्ति पर दावा पेश किया और मुकदमे का सिलसिला शुरू हो गया।
2010 में सरकार ने शत्रु संपत्ति अधिनियम में संशोधन किया और राजा की सभी संपत्तियां कस्टोडियन में चली गईं।इसके बाद 7 जनवरी 2016 को नया अध्यादेश आने पर सुप्रीम कोर्ट ने शत्रु संपत्ति को बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
बाद लखनऊ के हजरतगंज स्थित बटलर पैलेस, महमूदाबाद हवेली, लॉरी बिल्डिंग और कोर्ट, हलवासिया मार्केट, बारादरी, सीतापुर स्थित डीएम, एसपी सहित सीएमओ बंगला, पोस्ट आफिस, महमूदाबाद तहसील भवन, पॉलीटेक्निक, महाविद्यालय, चीनीमिल, सूत मिल, लखपेड़ा बाग, मत्स्य पालन केन्द्र, नैनीताल, लखीमपुर, बाराबंकी सहित पूरे देश में फैली तकरीबन पचास हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति है।
इस संपत्ति के लिये वह आजीवन सरकार से भिड़ते रहे। इसके अलावा ईराक, ईरान, पाकिस्तान, लंदन आदि देशों में भी उनकी संपत्तियां फैली हैं।

