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मस्जिद बनी अस्पताल मदरसे के कमरों में मरीज़ों के लिए लगे बेड

मस्जिद बनी अस्पताल मदरसे के कमरों में मरीज़ों के लिए लगे बेड, इलाज के लिए 50 लोगों की टीम तैनात, नाश्ता-खाना, दवाएं सब फ़्री

Covid-19 महामारी में संक्रमितों की मदद के लिए सभी धर्म स्थलों ने अपने दरवाज़े खोले, जिसको हम सभी ने लगातार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से देखा भी है, आज ऐसे ही एक मस्जिद और मदरसे के बारे में हम आपको बताने वाले हैं जो हैदराबाद की मस्जिद मोहम्मदिया के बारे में है जिसने Covid-19 के मरीज़ों के इलाज के लिए मस्जिद के साथ मदरसे के भी दरवाज़े खोल दिए।

मस्जिद और मदरसे में लगे बेड
Covid-19 की दूसरी भयावह लहर में कोविड मामले इतने बढ़ गए थे कि अप्रैल और मई में हॉस्पिटल फ़ुल हो चुके थे, मरीज़ों की भारी संख्या व्हील चेयर पर तो कहीं स्ट्रेचर पर ऑक्सीजन सिलेंडर लिए बैठे और लेते हुए थे, हैदराबाद में भी कुछ ऐसी ही स्थिति हो गई थी, सरकारी अस्पतालों में बेड ख़ाली नहीं थे, इसी बीच हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन और रोटरी क्लब ऑफ हैदराबाद डेक्कन कोई ऐसी जगह ढूंढ रहा था जहां कोविड सेंटर शुरू किया जा सके।
जगह भी ऐसी जो बड़ी हो जहां पार्किंग की व्यवस्था हो, फाउंडेशन ने राजेंद्रनगर में मौजूद मस्जिद मोहम्मदिया से संपर्क किया तो मस्जिद की कमेटी ने Covid-19 के मरीज़ों के उपचार में इस्तेमाल करने के लिए मुफ़्त में मस्जिद और मदरसा दे दिया।

देखते ही देखते मस्जिद और मदरसा कोविड हॉस्पिटल में बदल गया, मदरसे के 23 कमरों में किसी में दो तो किसी में तीन बेड लगाए गए साथ ही फार्मेसी, डॉक्टर्स, कैजुअल्टी वार्ड, विश्रामालय तैयार किए गए और इन सबके साथ फ़िज़ीयोथेरेपिस्ट और डाइटीशियन को भी बुलाया गया।

सरकार और प्रशासन से सारी परमिशन मिल जाने के बाद 24 मई से 40 बेड के साथ सेंटर का प्रयोग शुरू हो गया, फाउंडेशन के मैनेजर मोहम्मद फ़रीद ने बताया कि पहले ही दिन हमारे यहां 8 मरीज़ भर्ती हुए थे, और दूसरे दिन सारे बेड फ़ुल हो गए, हमारे सेंटर में सभी बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा मौजूद है, नाश्ता, दोपहर और रात का खाना दिया जा रहा है, इलाज के साथ साथ जांच और दवा का भी पूरा ख़र्च फाउंडेशन पूरा कर रहा है, हालांकि अगर कोई संपन्न मरीज़ है तो वह जांच की फ़ीस ख़ुद दे सकता है।

मस्जिद में इतनी जगह है कि 120 बेड लग सकते हैं, लेकिन अभी हालात कंट्रोल में हैं, इसलिए बेड बढ़ाए नहीं जा रहे, जब तक स्कूलों के खुलने के आदेश जारी नहीं हो जाते, तब तक यह सेंटर चलता रहेगा।

मस्जिद को कोविड सेंटर बनाने में 75 लाख रुपए खर्च हुए हैं, जिसमें 6 महीने की ऑपरेशन कॉस्ट भी शामिल है, यह सारा ख़र्च हेल्पिंग हैंड्स रोटरी ट्रस्ट, रोटरी क्लब ऑफ हैदराबाद और एजुकेशन एंड इकोनॉमिक डेवलपमेंट (SEED) द्वारा उठाया गया है।

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