मणिपुर पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट पर भारत ने नियम याद दिलाया
भारत ने मणिपुर पर संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों की टिप्पणियों को दृढ़ता से खारिज कर दिया है। उसने टिप्पणियों को अनुचित, अनुमानपूर्ण और भ्रामक बताया। साथ ही कहा है कि पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति शांतिपूर्ण है।
स्पेशल प्रोसीजर मैंडेट होल्डर्स (एसपीएमएच) द्वारा भारत शीर्षक से जारी समाचार पर भारत के स्थायी मिशन ने निराशा और आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि एसपीएमएच ने भारत सरकार के जवाब की प्रतिक्षा भी नहीं की और ऐसा बयान जारी कर दिया।
भारतीय मिशन ने कहा कि आश्चर्य की बात है कि एसपीएमएच ने 29 अगस्त को इसी विषय पर जारी एक संयुक्त संचार का जवाब देने के लिए भारत सरकार की 60 दिनों की अवधि की प्रतीक्षा किए बिना प्रेस विज्ञप्ति जारी करने का फैसला किया।
भारतीय मिशन ने दोहराया कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जिसमें कानून के शासन और हमारे लोगों के मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने की स्थायी प्रतिबद्धता है। भारतीय कानून प्रवर्तन प्राधिकरण और सुरक्षा बल कानूनी निश्चितता, आवश्यकता, आनुपातिकता और गैर-भेदभाव के सिद्धांतों के अनुसार कानून-व्यवस्था की स्थितियों से सख्ती से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं
सोमवार को संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने कहा था कि मणिपुर में महिलाओं और लड़कियों को निशाना बनाकर हुई लिंग आधारित हिंसा की खबरों और तस्वीरें काफी चिंताजनक है। इसके साथ ही उन्होंने भारत सरकार से हिंसा की घटनाओं की जांच करने और अपराधियों को जिम्मेदार ठहराने के लिए समय से कार्रवाईकरने का अनुरोध किया।
संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने मणिपुर में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन की खबरों को लेकर चिंता जताई थी, जिनमें यौन हिंसा, न्यायेतर हत्याएं, जबरन विस्थापन, यातना और दुर्व्यवहार के कथित कृत्य शामिल हैं।