खादी झंडा निर्माताओं की बात सुने सरकार: प्रियंका गाँधी
नई दिल्ली, 22 जुलाई: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार को खादी के झंडे बनाने वालों की बात सुननी चाहिए और आयातित झंडे के बजाय खादी के झंडे खरीदने का एक समझदारी भरा फैसला लेना चाहिए।
सुश्री प्रियंका वाड्रा ने कहा कि सरकार को अपने झंडे बदलने चाहिए, और हजारों लोगों की रोजी-रोटी का जरिया बने खादी के झंडे को आगे बढ़ाने के लिए कदम उठाना चाहिए। झंडे खरीदने की नई नीति से हजारों कारीगरों और उनके परिवारों को संकट का सामना करना पड़ेगा, इसलिए सरकार को खादी के झंडे खरीदने का फैसला करना चाहिए।
यह सिर्फ शब्द नहीं हैं, बल्कि यह 140 करोड़ भारतीयों की भावना है। हमारा झंडा विविध रंगों, आकार, स्थानों, बोलियों, खान-पान और आस्था वाले देश में एकता, गौरव, सहिष्णुता, आत्म-बलिदान, बलिदान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
सुश्री प्रियंका वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए कहा, “मोदी जी खादी का तिरंगा, देश के आत्मविश्वास का प्रतिनिधित्व करता है और इससे लाखों लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है। आशा है कि आप 15 अगस्त के ऐतिहासिक दिन पर इसे सुनेंगे, और खादी से झंडा बनाने वालों की मांगों पर संवेदनशील फैसला लेंगे।”
कांग्रेस के मीडिया प्रमुख जयराम रमेश ने भी खादी के झंडे पर मोदी सरकार के फैसले का विरोध किया और कहा कि मोदी जी, जो कभी खादी पहनने की सलाह देते थे, अब वह खुद को खादी के झंडों से दूर कर रहे हैं। उन्होंने कहा, दीर्घजीवी पाखंड।
उन्होंने कहा राष्ट्रीय ध्वज बनाकर, खादी से अपनी आजीविका चलाने वालों का जीवन कठिन हो रहा है, यहाँ तक कि खादी के जिसको स्वर्गीय प्रधान मंत्री नेहरू जी ने कभी भारत की स्वतंत्रता का परिधान बताया था उस व्यक्ति से जो नागपुर में उस संगठन का प्रचार करता था जिसने 52 साल तक राष्ट्र का झंडा नहीं फहराया।