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एक तरफ़ बेटी बचाओ का नारा दूसरी तरफ़ मासूम बच्चियों के दोषियों को पैरोल की तैयारी

एक तरफ़ बेटी बचाओ का नारा दूसरी तरफ़ मासूम बच्चियों के दोषियों को पैरोल की तैयारी; इसका विरोध ज़रूरी है: योगिता भयाना

अजीब विडंबना है न कोई ख़तरा न कोई बीमारी फिर भी दुष्कर्मियों को जेल से बाहर लाने की कवायद BJP शासित राज्य में जारी है।

एक तो देश में एक मुक़दमे में मुजरिमों को सज़ा दिलाने तक कई साल लग जाते हैं, उसके बावजूद मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वाले दोषियों को जेल से बाहर लाने की कोशिश BJP के बेटी बचाओ नारे की सच्चाई की पोल खोल देती है।

इस ख़बर के आते ही मानो पीड़ितों का ज़ख्म ताज़ा हो गया हो, पीड़ितों ने इस ख़बर को सुनने के बाद कहा उन दरिंदों को छोड़ना, मतलब हमें जीते जी मारने जैसा है।

ख़बर यह है कि उम्रक़ैद काट रहे 400 दुष्कर्मियों को पैरोल देने की तैयारी में मध्यप्रदेश में शासित BJP लगी हुई है, जिसमें से 100 क़ैदी तो मासूम बच्चियों के दोषी है, ज़ाहिर है पूरे भारत में कोई भी इन दरिंदों को जेल से बाहर नहीं देखना चाहेगा लेकिन मानो BJP इन दुष्कर्मियों को आज़ाद देखना चाहती है।

इस मामले में सोशल ऐक्टिविस्ट योगिता भयाना ने पूरी तरह से नाराज़गी जताते हुए ट्वीट कर कहा कि उम्रक़ैद काट रहे 400 रेपिस्ट को पैरोल देने की तैयारी,100 क़ैदी तो मासूम बच्चियों के दोषी।

सरकार का यह फ़ैसला मध्यप्रदेश में ही नहीं बल्कि देश भर में बलात्कारियों और अपराधियों का ही हौसला बढ़ाएगा, इसका पुरज़ोर विरोध किया जाना चाहिए।

पूरा देश गवाह है जिस समय निर्भया कठुआ और दूसरे दुष्कर्म और बलात्कार के मामले सामने आए थे तो किस तरह जनता में ग़ुस्सा दिखाई दिया था, अभी हाल ही में उन्नाव में लगातार कई बलात्कार के केस सामने आए कुछ में तो BJP के नेता भी शामिल थे, वहां पर भी सरकार की ख़ामोशी लोगों को सवाल करने पर मजबूर कर रही थी और आज फिर मध्यप्रदेश की इस ख़बर पर लोगों में नाराज़गी देखने को मिल रही है।

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