अजमेर दरगाह आने वाले श्रद्धालुओँ से विवादित बयान न देने की अपील
15 जुलाई 2022: अजमेर दरगाह शरीफ़ कमेटी ने तीर्थयात्रियों से पोस्टर द्वारा अपील की है कि आपसी सौहार्द बनाये रखने के लिए दरगाह पर किसी भी तरह का विवादित बयान न दें।
ज्ञात रहे कि राजस्थान के अजमेर में विश्वविख्यात सूफी संत ख्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह पर हर साल लाखों तीर्थयात्री आकर चादर चढ़ाते हैं और अपनी मुरादें मांगते हैं। वैसे तो इस दरगाह पर हमेशा श्रद्धालुों की भीड़ रहती है लेकिन सालाना उर्स में लाखों की तादाद में तीर्थयात्री जमा होते हैं। और इस अवसर पर किसी भी प्रकार के विवाद से बचने और शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए कमेटी ने पोस्टर के ज़रिए विवादित बयान से बचने की अपील की है।
विश्वविख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को लेकर कुछ लोगों के विवादित बयानों के बाद दरगाह कमेटी ने विवादित बयान, तस्वीरें, वीडियो और नारे पोस्ट नहीं करने की अपील की है। अजमेर दरगाह कमेटी के प्रबंधक ने दरगाह के तीन प्रमुख स्थानों पर सूचना और विज्ञापन पोस्ट किए हैं, जिसमें विवादित नारे, चित्र या वीडियो न बनाने की अपील की गई है। विज्ञापन में कहा गया है कि ख्वाजा साहब के नाम पर या इस्लाम के नाम पर कोई ऐसी कार्रवाई न की जाए जो उकसाने वाली हो।
प्रबंधन कमेटी ने यह भी चेतावनी दी कि ऐसे मामलों में दरगाह समिति कानूनी कार्रवाई करेगी। दरगाह का मुख्य द्वार निजाम गेट है(वह ऊंचा द्वार जहां से उर्स के दौरान वीवी आईपी संदेश पढ़े जाते हैं) इसी प्रकार के विज्ञापन शाहजहानी मस्जिद पर चिपकाए गए हैं।
बताया गया है कि अजमेर दरगाह इलाके से विवादित बयानों और नारेबाजी का वीडियो वायरल होने के बाद दरगाह कमेटी ने कार्रवाई की है। दरगाह के प्रांगण में तीन अलग-अलग जगहों पर नोटिस लगा कर दरगाह कमेटी के प्रबंधक शाहदान ज़ेब खान ने अपील की है कि दरगाह पर आने वाले सभी तीर्थयात्री, नौकर और आम लोगों सहित कोई भी विवादास्पद नारे, बयान, चित्र या वीडियो का उपयोग नहीं करेगा। जो लोग भी ऐसा करते हैं वह हज़रत ग़रीब नवाज़ (अल्लाह उन पर रहम करे) की शिक्षाओं का खंडन करते हैंऔर ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
आपको बता दें कि विवादित नारे लगाने पर दरगाह कमेटी ने गोहर चिश्ती को कानूनी नोटिस भी भेजा है। ऐसे विवादित नारों को रोकने के लिए अब एक विशेष नोटिस बोर्ड लगाया गया है।