लोकसभा चुनाव समय से पहले या बाद में करवाने का इरादा नहीं: केंद्र सरकार
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार देर रात एक इंटरव्यू में कहा, ‘आम चुनाव समय से पहले या बाद में करवाने का सरकार का कोई इरादा नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल के आखिरी दिन तक देश और जनता की सेवा करना चाहते हैं। भाजपा लंबे समय से एक चुनाव के समर्थन में है। इससे समय-धन बचेगा। इसका इस्तेमाल गरीबों के लिए, देश के विकास के लिए हो सकता है।
वहीं, एक देश- एक चुनाव पर रामनाथ कोविंद कमेटी ने अधिसूचना जारी होने के अगले ही दिन इस पर काम शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय कानून मंत्रालय के टॉप ऑफिसर्स ने रविवार को पूर्व राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात कर उन्हें एक देश-एक चुनाव के मसले पर ब्रीफिंग दी है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स (जो पहले ट्विटर था) पर लिखा कि मोदी सरकार चाहती है कि लोकतांत्रिक भारत धीरे-धीरे तानाशाही में तब्दील हो जाए। ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर कमेटी बनाने की यह नौटंकी भारत के संघीय ढांचे को खत्म करने का हथकंडा है। 2024 में लोगों के पास ‘वन नेशन वन सॉल्यूशन’ है- भाजपा के कुशासन से छुटकारा पाना।
दिसंबर 2015 में संसद की स्थायी समिति ने अपनी 79वीं रिपोर्ट में लोकसभा और विधानसभा चुनाव दो चरणों मे करवाने की सिफारिश की थी। शनिवार को जारी अधिसूचना में सरकार ने विधि अयोग की 170वीं रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि हर साल और बिना तय समय के होने वाले चुनाव रुकने चाहिए।
सरकार ने कहा कि एक बार फिर 1951-52 से 1967 तक चली एक देश एक चुनाव की व्यवस्था की ओर लौटना चाहिए। अलग चुनाव अपवाद की स्थिति में होना चाहिए। नियम यह हो कि लोकसभा और विधानसभाओं के लिए चुनाव पांच साल में एक बार होने चाहिए।
एक देश एक चुनाव की चर्चा के बीच केंद्र सरकार ने संसद का पांच दिन विशेष सत्र बुलाया है। यह 18 सितंबर से शुरू होकर 22 सितंबर तक चलेगा। यह 17वीं लोकसभा का 13वां और राज्यसभा का 261वां सत्र होगा। इसमें 5 बैठकें होंगी। इस सत्र को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। यह सत्र क्यों बुलाया गया है, इसे लेकर सरकार की तरह से अभी कोई बयान नहीं आया है।

