मनी लॉन्ड्रिंग मामला: ईडी ने राणा अय्यूब के 1.77 करोड़ रुपये कुर्क किए
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में पत्रकार राणा अय्यूब से संबंधित 1.77 करोड़ रुपए अस्थायी रूप से कुर्क कर लिए है।
ईडी का मामला पिछले साल यूपी पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमे ये आरोप लगाया गया था कि अय्यूब ने राहत कार्य के नाम पर ऑनलाइन क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म केटो के माध्यम से भारी मात्रा में धन एकत्र किया है, लेकिन कथित तौर पर धन को डायवर्ट कर दिया।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार राणा अय्यूब पर FIR पिछले साल सितंबर में गाजियाबाद के इंदिरापुरम पुलिस स्टेशन में एक विकास सांकृत्यायन की शिकायत पर दर्ज की गई थी। आईपीसी और आईटी अधिनियम की धाराओं के अलावा, पुलिस ने काला धन अधिनियम की धारा 4 भी लगाई है, जिसमें आरोप लगाया गया कि उसने अवैध रूप से दान के नाम पर जनता से धन अर्जित किया है।
ईडी ने एक बयान में कहा कि जांच से यह स्पष्ट होता है कि दान के नाम पर पूर्व नियोजित और व्यवस्थित तरीके से धन जुटाया गया था और धन का पूरी तरह से उपयोग नहीं किया गया था।
ईडी ने कहा कि जांच में पाया गया कि अय्यूब ने एक अलग चालू बैंक खाता खोलकर कथित तौर पर कुछ धनराशि जमा की थी।
ईडी का कहना है कि राणा अय्यूब ने केटो पर जुटाई गई धनराशि से 50 लाख रुपये की सावधि जमा भी बनाई और बाद में राहत कार्यों के लिए इनका उपयोग नहीं किया ।
“बता दें कि ईडी ने जो पैसा अटैच किया है वह तीन अलग-अलग बैंक खातों में जमा है।
शिकायत के अनुसार, केटो ने अगस्त 2021 में दानदाताओं को एक ईमेल में कहा था कि यह कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा सूचित किया गया था कि अय्यूब द्वारा शुरू किए गए तीन अभियानों में जुटाए गए धन का उपयोग उस उद्देश्य के लिए नहीं किया गया था जिसके लिए वो राशि जमा की गई थी और अभी भी वो रक़म संबंधित अभियानों के खातों में हैं।
दानदाताओं को केटो के ईमेल के अनुसार, अय्यूब ने झुग्गीवासियों और किसानों के लिए, असम, बिहार और महाराष्ट्र के लिए राहत कार्य, और कोविड-19 से प्रभावित लोगों की मदद के लिए अभियान शुरू किया था ।

