भारत को मध्य एशिया तक व्यापार मार्ग दे सकता है पाक, कुछ बर्षों पहले तक अगर कोई पाकिस्तान का राजनीतिक नेता भारत के साथ रिश्तों में सुधार की बात भी करता था तो उसे ग़द्दार या भारत और मोदी सरकार की पैरवी करने वाला तक बता दिया जाता था, लेकिन हाल में इसमें बड़ा बदलाव देखने में आया है, ध्यान देने वाली बात यह है कि भारत के साथ संबंध सुधारने की बात पाकिस्तान की आर्मी कर रही है।
पाकिस्तान के राजनीतिक सर्किल, उच्च अधिकारी, मीडिया और व्यापार कम्युनिटी में भारत के साथ बैकडोर डिप्लोमैसी की चर्चाएं तेज़ हैं, पाकिस्तान की बड़ी जमाअत का मानना है कि भारत से साथ रिश्तों में सुधार से पाकिस्तान ही को फ़ायदा होगा।
हालांकि इमरान ख़ान की सरकार सरकारी तौर पर अपनी तरफ़ से कुछ भी मानने को तैयार नहीं जिससे विपक्ष को कोई मौक़ा मिले, भारत पाकिस्तान के कुछ बड़े अंडर कवर ऑफिसर्स इस साल जनवरी में दुबई में गुप्त बातचीत हुई थी, लेकिन पाकिस्तान एक विदेश मंत्री महमूद क़ुरैशी का कहना है कि अगर बात करनी है तो इसे गुप्त क्यों रखा जाए, कश्मीर में जब तक धारा 35A लागू नहीं हो जाती तब तक कोई बातचीत नहीं हो सकती।
हालांकि कुछ दिन पहले वरिष्ठ पत्रकारों की सेना प्रमुख जनरल बाजवा की बैठक एक अलग दृष्टिकोण बयान करती है।
अब पाकिस्तान कश्मीर के साथ-साथ सियाचिन, सर क्रीक और व्यापार पर भी चर्चा के लिए तैयार है, यह साफ़ है कि भारत के साथ समस्याओं का हल राजनीतिक ताकतों के हाथ में नहीं है, सेना को इसलिए आगे किया गया है क्योंकि उस पर लोग भरोसा करते हैं।
पत्रकार क्लासरा लिखते हैं, पाक कश्मीर पर दावा करेगा, लेकिन कश्मीर के आधार पर भारत के साथ संबंधों को ख़तरे में नहीं डालेगा, बदले में, भारत 5 अगस्त को हटाए अनुच्छेद 35A को फिर से बहाल कर देगा।
इस बीच, पाकिस्तान भारत को अफ़गानिस्तान और मिडिल ईस्ट तक रास्ता देगा, और बदले में, पाकिस्तान पारगमन और किराए के मामले में भारत से एक महत्वपूर्ण समझौता करेगा।
उन्होंने आगे कहा, दोनों देशों के बीच व्यापार शुरू होगा, भारत से बड़ी संख्या में पर्यटक हड़प्पा, मोहनजोदारो, तक्षशिला और कटासराज मंदिर जैसी जगहों पर आना चाहते हैं, इससे कमाई होगी।
सैन्य अधिकारियों का मानना है कि अब इन मुद्दों को हल करने और पाकिस्तान को एक सामान्य देश बनाने का समय है, हालांकि यह इतना आसान नहीं है।
रऊफ़ क्लासरा के अनुसार अगर भारत को पाकिस्तान से मिडिल ईस्ट और अफ़गानिस्तान तक व्यापार करने का रास्ता मिल जाता है, तो यह एक बड़ा अंतर होगा, जैसे चीन और भारत के बीच युद्ध के बावजूद अरबों डॉलर का व्यापार जारी है।
अमेरिका चाहता है भारत, चीन पर ध्यान केंद्रित करे
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका भी दोनों देशों में सामान्य संबंध चाहता है, क्योंकि भारत को चीन से कमज़ोर नहीं देखना चाहता, इसलिए वह चाहता है कि भारत पाक के साथ टकराव रोके और चीन या चीनी नेतृत्व पर ध्यान केंद्रित करे, अरब देशों की सलाह पाक को प्रभावित कर रही है।