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देश-विदेश में ऊंचा मुकाम हासिल करने वाले भारतीयों से भी की राष्ट्र की सेवा

देश-विदेश में ऊंचा मुकाम हासिल करने वाले भारतीयों से भी की राष्ट्र की सेवा

भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या राष्ट्र के नाम संबोधन देते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस का अवसर उन वीर महानायकों को याद करने का भी है, जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया.

बता दें कि राष्ट्रपति ने ये भी कहा कि हमारे संविधान का स्वरूप विस्तृत है, लेकिन इसकी प्रस्तावना में स्वतंत्रता, समानता जैसी बुनियादी बातें लिखी हुई हैं.

उन्होंने ये भी कहा कि मूल अधिकार औऱ मूल कर्तव्यों को भी संविधान में महत्वपूर्ण ढंग से उल्लेखित किया गया है. ये दोनों ही एक सिक्के के दो पहलू हैं.

गौर तलब है  राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस बात पर जोर देते हुए कहा: कि आज नया भारत उभर रहा है ये सशक्त भारत-संवेदनशील भारत है.

राष्ट्रपति ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की उस बात को जिनको उन्होंने कहा था कि गणतंत्र दिवस के दिन को किसी रचनात्मक कार्य में लगाना चाहिए. गांधी जी चाहते थे कि हम सब आत्मनिरीक्षण करें और देश के साथ विश्व की बेहतरी के लिए काम करें.

बता दें कि राष्ट्रपति ने कहा: अब दो साल से अधिक का समय बीत गया है, लेकिन मानवता का महामारी के खिलाफ संघर्ष जारी है. पूरे देश की अर्थव्यवस्था को आघात पहुंचा है, नित नए रूपों में ये वायरस संकट पैदा कर रहा है. ये एक असाधारण चुनौती बना हुआ है. हमारे देश में जनसंख्या का घनत्व ज्यादा है और हमारे पास शुरुआत में पर्याप्त संसाधन नहीं थे, लेकिन ऐसे समय में किसी देश की क्षमता निखरती है. हमने कोरोनावायरस से लड़ने की दिशा में असाधारण प्रदर्शन किया है. हम अब दुनिया में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहे हैं.

प्रेसिडेंट ने कहा, संकट की इस घड़ी में हम सभी ने ये देखा है कि कैसे हम सभी देशवासी एक परिवार की तरह आपस में जुड़े हुए हैं. सोशल डिस्टेंसिंग के कठिन दौर में हम सबने एक-दूसरे के साथ निकटता का अनुभव किया है. हमने महसूस किया है कि हम एक-दूसरे पर कितना निर्भर करते हैं. कठिन परिस्थितियों में लंबे समय तक काम करके, यहां तक ​​​​कि मरीजों की देखभाल के लिए अपनी जान जोखिम में डाल कर भी डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स ने मानवता की सेवा की है. बहुत से लोगों ने देश में गतिविधियों को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए यह सुनिश्चित किया है कि अनिवार्य सुविधाएं उपलब्ध रहें और सप्लाई-चेन में रुकावट न पैदा हो.

राष्ट्रपति ने सेना में महिलाओं को कमीशन मिलने और बेटियों के एनडीए में ट्रेनिंग को देश में महिला सशक्तीकरण को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि आज के वक्त में डॉक्टर, सैनिक या अन्य क्षेत्रो में जिम्मेदारी बखूबी निभाना ही देश की सच्ची सेवा है. उन्होंने देश-विदेश में ऊंचा मुकाम हासिल करने वाले भारतीयों से भी राष्ट्र सेवा में ज्यादा बेहतर योगदान का आह्वान किया.

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