अकेले दम पर आगामी चुनावों में हिस्सा लेगी बसपा: मायावती
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर ट्विट कर कहा है कि एनडीए व इंडिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं। जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
उन्होंने लिखा है कि,अतः मीडिया से अपील-नो फेक न्यूज प्लीज़। इस वाक्य के जरिये उन्होंने मीडिया से अपील की है कि वे बसपा के किसी गठबंधन में जाने को लेकर कोई गलत जानकारी नहीं फैलाए।
मायावती ने एक्स पर ट्विट कर लिखा है कि बीएसपी, विरोधियों के जुगाड़-जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे-बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनकेे गठबंधन से सन 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा तथा चार राज्यों में विधानसभा का आमचुनाव लडे़गी। उन्होंने इस ट्विट के जरिए भी स्पष्ट कर दिया है कि आगामी लोकसभा और चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में बसपा अकेले ही चुनावी मैदान में उतरेगी।
उनका यह बयान तब आया है जब 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक होने वाली है। कई दिनों से खबरें आ रही हैं कि चार दल इस गठबंधन में शामिल हो सकते हैं। कयास यह भी लगाए जा रहे थे कि बसपा विपक्षी गठबंधन में शामिल हो सकती है।
लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती के इस ट्विट के बाद स्थिति साफ हो गई है कि बसपा किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनने जा रही हैं। अपने ट्विट में उन्होंने मीडिया से कहा है कि वह बसपा को लेकर बार-बार भ्रान्तियां न फैलाए।
उनके इस ट्विट से जाहिर होता है कि बसपा उत्तर प्रदेश के बाहर राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रही है। लोकसभा चुनाव भी वह इन दोनों पार्टियों और इनके एनडीए- इंडिया गठबंधन के खिलाफ लड़ेगी। ऐसे में बसपा के किसी भी गठबंधन में जाने का संभावना अब नहीं दिखती है।
मायावती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर ट्विट कर बसपा से निकाले जाने वाले सहारनपुर के पूर्व विधायक इमरान मसूद को लेकर भी पार्टी का पक्ष रखा है। उन्होंने लिखा है कि बीएसपी से निकाले जाने पर सहारनपुर के पूर्व विधायक कांग्रेस व उस पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा में व्यस्त हैं, जिससे लोगों में यह सवाल स्वाभाविक है कि उन्होंने पहले यह पार्टी छोड़ी क्यों और फिर दूसरी पार्टी में गए ही क्यों? ऐसे लोगों पर जनता कैसे भरोसा करे?
मायावती का यह ट्विट ऐसे समय में आया है जब इमरान मसूद को अनुशासनहीनता के आरोप में निकाल दिया गया है। इमरान मसूद ने पिछले साल अक्तूबर में बसपा ज्वाइन की थी। पार्टी ने उन्हें पश्चिमी यूपी में बसपा का को- ऑर्डिनेटर बनाया था। अब चर्चा है कि वह जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं और सहारनपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। पार्टी से निकाले जाने पर इमरान मसूद ने कई गंभीर आरोप पार्टी पर लगाए हैं।