प्रधानमंत्री की नौटंकी कोरोना की दूसरी लहर के लिए ज़िम्मेदार, डेथ रेट के आंकड़े झूठे: राहुल गांधी, भारत में Covid-19 के बिगड़े हालात पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा प्रहार किया है, राहुल गांधी ने कहा कि कोविड की दूसरी वेव के लिए प्रधानमंत्री की नौटंकी ज़िम्मेदार हैं, वह अब तक Covid-19 को समझ ही नहीं पाए, उन्होंने जो मरने वालों का आंकड़ा बताया वह भी झूठ है, सरकार को सच बोलना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार समझ ही नहीं रही कि उसका मुक़ाबला किससे है, Covid-19 के बदलते वेरिएंट और म्यूटेशन के ख़तरे को समझना चाहिए, उन्होंने कहा कि आप पूरे देश को ख़तरे में डाल रहे हैं क्योंकि आपने 97% देश की आबादी को Covid-19 के वायरस से ग्रस्त होने के लिए छोड़ दिया और केवल 3% को ही वैक्सीन लगवाई है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से वार्ता के बीच राहुल गांधी से कांग्रेस शासित प्रदेशों से मौत के ग़लत आंकड़े बताए जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस शासित प्रदेशों से भी बात की, उनसे भी मैंने यही कहा कि झूठ बोलने का नुक़सान ख़ुद उन्हें ही झेलना पड़ेगा, मौत के वास्तविक आंकड़े परेशान कर सकते हैं लेकिन हमें हर हाल में सच ही बोलना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि भारत को दुनिया की फार्मेसी की शक्ल में पहचाना जाता है, लेकिन मोदी सरकार के ख़राब प्रबंधन और वैक्सीन की गड़बड़ियों से भारत के आम नागरिकों की ज़िंदगी ख़तरे में पड़ गई है, समय आ गया है कि सरकार अपने झूठ के पर्दे उठाए और दिखावा पीछे छोड़ सच्चाई के साथ आगे बढ़े।
वैक्सीनेशन पर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मोदी सरकार की वैक्सीनेशन स्ट्रैटिजी फ़ेल हो चुकी है।
राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना से निपटने के चार तरीक़ों: जांच, ट्रैकिंग, इलाज और वैक्सीनेशन में किसी भी सरकार के लिए 70-80% लोगों को टीके लगवाना सबसे सही बात होती, लेकिन सरकार यह अनुमान लगाने में पूरी तरह फ़ेल हो गई:
1- कितने लोगों को वैक्सीन की ज़रूरत होगी?
2- वैक्सीन के कितने डोज़ का ऑर्डर देना होगा?
3- देश की स्वयं अपनी वैक्सीन बनाने की क्षमता कितनी होगी?
4- कितनी वैक्सीन विदेश से मंगवानी होगी और यह ऑर्डर कौन देगा?
साथ ही राहुल गांधी ने यह भी कहा कि वैक्सीन ऑर्डर में नाकामी माफ़ी लायक़ नहीं होगी, कांग्रेस नेता ने कहा दूसरे बहुत से देशों ने मई 2020 में ही वैक्सीन ख़रीदने के ऑर्डर देना शुरू कर दिए थे, लेकिन मोदी सरकार ने देश को महामारी में ढकेलते हुए पहला ऑर्डर जनवरी 2021 में दिया, सार्वजनिक जानकारी के हिसाब से मोदी सरकार और प्रदेश सरकारों ने 140 करोड़ की आबादी और 18 साल के ऊपर 94.5 करोड़ लोगों के लिए अब तक केवल 39 करोड़ डोज़ का ऑर्डर दिया है, अहम देशों में भारत की पर कैपिटा डोज़ ख़रीद सभी देशों से कम है।