कोरोना वायरस (Corona Virus) जैसी महामारी के खिलाफ जहां दुनिया के ज्यादातर देश अभी भी वैक्सीन (Corona Vaccine) के क्लीनिकल ट्रायल में ही हैं वहीं ब्रिटेन मंगलवार से अपने नागरिकों को वैक्सीन देना शुरू कर देगा. फाइजर और बायोएनटेक कंपनी द्वारा विकसित कोरोना वायरस वैक्सीन का रोल-आउट आज से शुरू हो रहा है. ब्रिटेन 61,000 से अधिक मौतों के साथ कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित यूरोपीय देशों में शामिल है, लेकिन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने संयुक्त राज्य अमेरिका या यूरोपीय संघ से पहले फाइजर / बायोएनटेक वैक्सीन को रोल-आउट करके इस बीमारी के खिलाफ एक मुहिम के शुरू होने की उम्मीद जताई है.
ब्रिटेन ने एक सप्ताह से भी कम समय में आपातकालीन उपयोग के लिए कोरोना वायरस वैक्सीन को मंजूरी दे दी, और इसे अपनी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के माध्यम से लोगों तर पहुंचाने की तैयारी कर रहा है.
ब्रिटेन ने फाइजर / बायोएनटेक को 40 मिलियन खुराक का आदेश दिया है. प्रत्येक व्यक्ति को दो खुराक की आवश्यकता होती है इसलिए ये 20 मिलियन लोगों को टीका लगाने के लिए पर्याप्त है. लगभग 800,000 खुराक पहले सप्ताह के भीतर उपलब्ध होने की उम्मीद है. वैक्सीन सबसे पहले स्वास्थ्य सेवाओं में लगे लोगों को दी जाएगी. इसके बाद वृद्धों को टीका लगाया जाएगा.
यूके में फाइजर के कोरोना वायरस वैक्सीन रोल-आउट से ठीक एक दिन पहले, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत Pfizer Inc और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोरोनो वायरस के टीकों की समीक्षा कर रहा है ताकि उन्हें आपातकालीन उपयोग के लिए अधिकृत किया जा सके.
बता दें कि भारत सरकार वॉल्यूम के हिसाब से दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पर बड़े पैमाने पर आपूर्ति के लिए अपनी उम्मीदें जता रही है, जिसने सोमवार को एस्ट्राजेनेका के कोरोना वायरस वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए पहला औपचारिक आवेदन दिया है.
हाल ही में, Pfizer ने भारत में अपने कोरोना वायरस वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए आवेदन किया था. सीरम इंस्टीट्यूशन ने भी वैक्सीन की आपातकालीन स्वीकृति के लिए आवेदन किया है. सोमवार को, भारत बायोटेक ने एक आवेदन दायर कर अपने कोरोना वायरस वैक्सीन के लिए प्राधिकरण से आपातकालीन उपयोग की मांग की थी.
पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा था कि भारत में कुछ हफ्तों में कोरोना वायरस वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगा. पीएम मोदी ने कहा कि जैसे ही वैज्ञानिक सभी टेस्टिंग पूरी कर लेंगे और उसपर संतुष्ट हो जाएंगे उसके तुरंत बाद टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी.