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सऊदी अरब ने तबलीगी जमात पर क्यों लगाया प्रतिबंध? यह डर बना कारण

सऊदी अरब ने तबलीगी जमात पर क्यों लगाया प्रतिबंध? यह डर बना कारण सऊदी अरब ने प्रभावशाली मुस्लिम संस्था तबलीगी जमात पर प्रतिबंध लगा दिया है।

सऊदी अरब के धार्मिक मामलों के मंत्री डॉ शेख अब्दुल लतीफ ने अपने एक ट्वीट में सऊदी अरब के खतीबों से जुमे की नमाज के ख़ुत्बे में तबलीगी जमात के बारे में जनता को जागरूक करने की अपील करते हुए इस फैसले की खबर दी थी ।

तब्लीगी जमात पर सऊदी अरब की तरफ से लगाए गए प्रतिबंध पर जब तबलीगी जमात के वरिष्ठ नेताओं से प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की गई तो पाकिस्तान में तबलीगी जमात के नेताओं ने इस पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया, लेकिन दारुल उलूम देवबंद ने इस पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए सऊदी अरब की ओर से तबलीगी जमात पर लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया है।

सऊदी अरब के धार्मिक मामलों के मंत्रालय के एक सूत्र के अनुसार तबलीगी जमात पर पाबंदी कोई नई बात नहीं है। सऊदी मंत्रालय ने अपने ट्वीट और नमाज़े जुमा के माध्यम से पुराने प्रतिबंधों को ही दोहराया है। सऊदी धार्मिक मंत्रालय में काम कर चुके एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि तबलीगी जमात पर पाबंदी के मामले को समझने से पहले हमें सऊदी अरब पर शासन करने वाली प्रणाली को समझना होगा ।

सऊदी शासन के तहत सऊदी अरब में राजनीतिक और धार्मिक दलों को कानून के अंतर्गत काम करने की अनुमति नहीं है। सऊदी अरब में काम करने और रहने के लिए जो वीजा जारी किए जाते हैं तो उनकी शर्तों को देखें तो मालूम होगा सऊदी अरब में धार्मिक प्रचार या उपदेश के लिए दाखिले की इजाजत नहीं है।

सऊदी अरब में अगर कोई डॉक्टर वीज़ा लेकर आता है तो उसे अपने कार्यस्थल पर ही काम करने की इजाजत दी गई है। अगर कोई डॉक्टर आता है तो वह सिर्फ स्वास्थ्य क्षेत्र में ही काम करेगा। उसे धार्मिक प्रचार या उपदेश आदि का काम करने की अनुमति नहीं होगी। बिल्कुल इसी तरह भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान ,अफ्रीका आदि देशों में भी किसी को किसी विशेष क्षेत्र का वर्किंग वीजा दिया जाता है तो वह अपने वर्किंग वीजा के आधार पर ही काम कर सकता है। अगर उससे हटकर कोई काम करता है तो यह कानूनी तौर पर अपराध है।

तब्लीगी जमात की स्थापना भारत में हुई थी और उसे दुनिया भर में तबलीगी ही कहा जाता है। लेकिन इसे सऊदी अरब में अहबाब के नाम से पुकारा जाता है। क्योंकि सऊदी अरब में तबलीगी जमात के नाम से काम करने की अनुमति नहीं है। दुनिया भर से सऊदी अरब आने वाले जमात के लोग इस देश में प्रवेश पाने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। वह जमात जो साल भर के लिए अलग-अलग देशों के दौरे पर होती हैं वह हज, उमरा या टूरिस्ट वीजा पर सऊदी अरब आते हैं। इस आधार पर वह 2 या 3 महीने या कुछ दिन सऊदी अरब के अलग-अलग लोगों के बीच जाते हैं और मिल कर काम करते हैं।

इस काम में तबलीगी जमात के लोगों को खाड़ी देशों के कुछ लोगों का भी समर्थन हासिल होता है। जिस पर कुछ साल पहले सऊदी अरब के विदेश और धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने कड़ी कार्रवाई करते हुए ऐसा काम करने वालों के खिलाफ कड़ा कानून बनाने का कदम उठाया था। तब्लीग करने वाले बहुत लोगों को पकड़ा गया और सऊदी कानून के अनुसार सजा दी गई। साथ ही पाकिस्तान के राजनयिकों को सख्ती से कहा गया कि वे तब्लीग़ के लिए सऊदी नागरिकों को वीजा ना दे।

सऊदी अरब में अलकायदा और इखवानुल मुस्लिमीन जैसे संगठनों के सदस्य के अलावा अन्य सांप्रदायिक संगठनों में शामिल लोगों ने भी तबलीगी जमात में शामिल होकर अपनी गतिविधियां जारी रखी हैं। सऊदी अरब में अन्य देशों की तबलीगी जमात के मुकाबले भारत की जमात ज्यादा सक्रिय रही है। पिछले दिनों भारत में भी तबलीगी जमात पर पाबंदी लगाई गई थी।

पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने भी जमात में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया तो उनमें सऊदी नागरिक के साथ अन्य देशों के लोग भी शामिल थे। इस के बाद सऊदी नागरिकों को तब्लीग़ के नाम पर वीजा जारी करना बंद कर दिया गया।

सऊदी सरकार को शक है कि सऊदी अरब में अहबाब के नाम से मशहूर तबलीगी जमात में बड़ी संख्या में ऐसे लोग शामिल हैं जो सऊदी अरब के वर्तमान शासन से संतुष्ट नहीं है और इसके विरुद्ध हैं। सऊदी सरकार को संदेह है कि वह संगठन और लोग जिन पर सऊदी अरब में पाबंदी लगाई गई है वह तबलीगी जमात की आड़ में अपनी गतिविधियां जारी रखे हुए हैं और यह सऊदी सरकार के लिए खतरनाक है।

तबलीगी जमात पर प्रतिबंध का एक कारण यह भी है कि सऊदी अरब में किसी भी इस्लामिक दल, इस्लामी पार्टी को सऊदी शासन से हटकर इस्लाम की व्याख्या, इस्लामी कानून और उपदेश देने तथा इस्लामी मामलों में फतवे देने की अनुमति नहीं है। यह सारे काम सऊदी सरकार के इशारों पर उसके विभिन्न मंत्रालय करते हैं।

याद रहे कि हाल ही में सऊदी अरब ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि सऊदी अरब एक देश है। एक ही दाल के रास्ते पर चल रहा था। तभी बाहर से कुछ और जमाते आई। इन जमातो ने रास्ते और तरीके पर चलने वाले लोगों को बांटने की कोशिश की ताकि सऊदी नागरिकों की एकता और एकजुटता को टुकड़े-टुकड़े किया जा सके। ऐसी ही प्रमुख जमातों में से एक तबलीगी जमात है जो अपने आप को इस देश में अहबाब के नाम से पुकारते हैं। जब कि मूल रूप से यह जमात हिंदुस्तान से है।

तब्लीगी जमात पैग़ंबरे इस्लाम के तरीकों के खिलाफ चलती है। यह जमात बिना किसी ज्ञान के दावत देने के लिए निकलती है। यह अल्लाह और इस्लाम के पैगंबर के तरीकों के विरुद्ध है। यह वह जमात है जिससे आतंकवादी समूह पैदा हुए हैं। उनके साथ चलने वाले लोग ज्ञान की कमी का शिकार होकर तकफीरी दलों का शिकार हो जाते हैं।

आतंकी संगठनों के जो लोग सऊदी अरब की जेल में बंद है उनके बारे में जांच की गई तो पता चला यह पहले तबलीगी जमात में शामिल थे। इस देश में फतवा देने वाली कमेटी ने यह निर्णय लिया है कि इस जमात के साथ शामिल होना कानूनी नहीं है। हम पर अनिवार्य है कि हम उनके निमंत्रण को कबूल ना करें। यह जमात और इस जैसी जमाते हमारी एकता को टुकड़े-टुकड़े कर देंगी। यह किसी भी सूरत में वैध नहीं है।

Gayyur Alam

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