ईरान का ऑयल टैंकर जिसने अमेरिका को दुनिया भर में अपमानित कर दिया दुनिया भर की मीडिया विशेषकर मीडिल ईस्ट में ओमान सागर में ईरान और अमेरिका के बीच हुआ एक टकराव चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
ईरान के एक ऑयल टैंकर को लेकर अमेरिका और ईरान आमने-सामने आ गए जिसमें ईरान ने एक बार फिर अमेरिका को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। घटनाक्रम कुछ यूँ हुई कि ओमान सागर में अमेरिका ने ईरान के एक तेल टैंकर को रोका और उस पर लदे तेल को एक अन्य आयल टैंकर पर लाद कर दिनदहाड़े समुद्री लूट अंजाम दी लेकिन ईरान अमेरिका की इस कार्रवाई पर चुप नहीं बैठा और ईरान के शक्तिशाली आईआरजीसी बल की नौसेना ने समय रहते मैदान में उतर कर अमेरिका की इस समुद्री लूट के अरमान पर पानी फेर दिया।
अमेरिका ने ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगा रखे हैं। पिछले लगभग 40 वर्षों से अमेरिका और ईरान आमने-सामने हैं और अमेरिका ईरान को घुटनों पर लाने के लिए किसी भी हथकंडे को अपनाने में संकोच नहीं करता है, चाहे वो हालिया डकैती की ही घटना हो जिसमे उसे बुरी तरह विफल होना पड़ा।
ईरान की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ने के लिए उसने ईरान के आयात और निर्यात पर प्रतिबंध लगाए हुए हैं लेकिन अमेरिकी प्रतिबंधों को धता बताते हुए ईरान का तेल निर्यात हाल ही में फिर से बढ़ने लगा है। अमेरिका ईरान से तेल खरीदने वाले देशों पर लगातार दबाव डालता रहा लेकिन अब जब अमेरिकी दबाव काम नहीं आ रहा है तो वह सीधे ईरान के तेल को लूटने के दुस्साहस पर उतर आया है।
माजरा कुछ ऐसे हुआ कि अमेरिका ने ईरान का तेल लेकर जा रहे हैं एक ऑयल टैंकर को ओमान सागर में अपने कब्जे में लिया और उस पर लदे तेल को दूसरे टैंकर में लाद कर उसे एक अज्ञात मकसद की ओर रवाना कर दिया।
अमेरिका की इस हरकत की खबर होते ही हैं आईआरजीसी बल ने हेलीकॉप्टरों की मदद से अपने जवानों को अमेरिकी ऑयल टैंकर पर उतारते हुए अपने नियंत्रण में लिया और ईरानी जवान ऑयल टैंकर को ईरान की जल सीमा में ले आए। हालांकि इस बीच घटनास्थल के निकट मौजूद अमेरिका के युद्धपोतों ने ईरानी सेना को रोकने की कोशिश की लेकिन ईरान की ओर से कड़ी चेतावनी के बाद अमेरिकी सेना मूकदर्शक बन गयी और ख़ामोशी से घटनास्थल से दूर चली गई।
कहने को तो यह समुद्री डकैती या ईरान के ऑयल टैंकर से तेल चुराने की मामूली सी घटना है लेकिन सच्चाई यह है कि अमेरिका के सारे प्रयासों के बावजूद भी ईरान उस पर भारी पड़ रहा है और उसके प्रतिबंधों एवं दबाव के बावजूद भी लगातार तेल निर्यात बढ़ा रहा है।
इससे पहले डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में अमेरिका कह चुका था कि वह ईरान के तेल निर्यात को शून्य पर पहुंचा कर दम लेगा लेकिन ट्रम्प का कार्यकाल खत्म हो गया और ईरान का तेल निर्यात लगातार बढ़ रहा है।
बाइडन के तमाम दावों और वार्ता की इच्छा के बावजूद ट्रम्प कार्यकाल में ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध जारी हैं। बाइडन प्रशासन एवं अमेरिका और उसके सहयोगी लगातार कोशिश कर रहे हैं कि ईरान का तेल निर्यात ना बढ़ सके लेकिन अमेरिका को अपनी तमाम नीतियों एवं पाबंदियों में नाकामी का सामना करना पड़ रहा है। अपनी निरंतर नाकामियों से हताश अमेरिका अब समुद्री लूट जैसी नीच हरकतों पर उतर आया है।
Gayyur Alam