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अगर बीटेक छात्रा से गैंगरेप के तीनों आरोपी BJP से जुड़े थे तो यह बात रहस्य में कैसे रही?

अगर बीटेक छात्रा से गैंगरेप के तीनों आरोपी BJP से जुड़े थे तो यह बात रहस्य में कैसे रही ?

आईआईटी बीएचयू में बीटेक छात्रा से गैंगरेप के तीनों आरोपियों कुणाल पांडे, अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल की 30 दिसंबर की रात चेकिंग के दौरान गिरफ्तारी हुई है। सभी आरोपी वाराणसी के रहने वाले हैं और पुलिस ने घटना में इस्तेमाल बुलेट भी बरामद कर ली है। इनका एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है जिसमें तीनों बुलेट पर बैठे हुए हैं।

घटना वाले दिन ये तीनों इसी बुलेट से आईआईटी कैंपस में घुसे थे और आधी रात में दोस्त के साथ टहल रही लड़की को बंधक बनाकर उसके साथ गैंगरेप किया था। घटना के दौरान आरोपियों ने लड़की का वीडियो भी बना लिया था। अब सुनने में आ रहा है कि तीनों आरोपी बीजेपी आईटी सेल के सदस्य हैं। सोशल मीडिया पर इन आरोपियों के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री योगी समेत बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं के साथ फोटो वॉयरल हो रही है।

यह ख़बर चौंकाने वाली भी है और भयावह भी। अगर यह फोटो सही हैं तो बीजेपी के लोगों को फिर कुछ बोलने का अधिकार नहीं रह जाता। जो बीजेपी धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है अगर उसी बीजेपी के आईटी सेल के तीन सदस्य गैंग रेप कांड में पकडे जाते हैं तो इस देश के शिक्षण संस्थान का भविष्य क्या होगा यह सोंचने की बात है। प्रश्न यह भी उठता है कि अगर आरोपियों की पहुंच इतनी दूर तक है तो फिर उन पर कार्यवाई कौन करेगा?

करीब दो महीने पहले बीएचयू परिसर में आईआईटी बीएचयू की एक बीटेक छात्रा से बंदूक के दम पर गैंगरेप किया गया था। मामले ने जब तूल पकड़ा तब पुलिस सक्रिय हुई। अब जाकर मामले के तीनों आरोपी आखिरकार गिरफ्तार हो गए हैं। तीनों आरोपी कुणाल पांडे, सक्षम पटेल और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान बीजेपी से जुड़े निकले हैं और बीजेपी आईटी सेल के पदाधिकारी थे। कांग्रेस ने उनकी गिरफ्तारी में देरी पर सवाल उठाया है।

ट्विटर समेत तमाम सोशल मीडिया पर दो आरोपी कुणाल पांडे और सक्षम पटेल के बीजेपी आईटी सेल से जुड़े होने का पुख्ता सबूत भी वायरल हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर 20 अगस्त 2021 का एक लेटर वायरल हो रहा है, जिसे खुद कुणाल पांडे ने सोशल मीडिया पर डाला था। ये बीजेपी वाराणसी के लेटरहेड पर आईटी सेल के कार्यकर्ताओं की लिस्ट है। इसमें कुणाल पांडे को महानगर वाराणसी आईटी सेल का संयोजक बताया गया है। इस लेटर हेड पर उसने खुद साइन किया हुआ है। जबकि सक्षम पटेल सह संयोजक के रूप में है।

कांग्रेस ने इस मामले में गिरफ्तारी में देरी पर सवाल उठाया है। कांग्रेस ने कहा कि 2 महीने पहले बीएचयू कैम्पस में एक छात्रा का गैंगरेप हुआ। इस मामले को पहले दबाने की कोशिश की गई, जब दबाव बना तो जैसे-तैसे यूपी पुलिस ने एफआईआर लिखी। अब 60 दिन बाद इस घटना में शामिल 3 लोग पकड़े गए हैं। ये सभी बीजेपी के पदाधिकारी हैं। गिरफ़्तारी में देरी शायद इसी वजह से हुई होगी।

कांग्रेस ने कहा कि ये सभी बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के बेहद करीबी हैं। बीजेपी में इतनी अच्छी पकड़ है कि पीएम मोदी से सीधे मिलते हैं। बीजेपी आईटी सेल में अच्छी पोजिशन पर हैं। यही है बीजेपी का चाल चरित्र चेहरा। कांग्रेस के इस बयान को चाहे राजनीतिक बयान मान लिया जाए लेकिन यह प्रश्न ज़रूर उठेगा कि, हर बात पर बुलडोज़र चलाने वाली सरकार ने इतने दिनों तक इनके घरों पर बुलडोज़र क्यों नहीं चलाया?

इसके साथ ही यह प्रश्न भी उठता है कि, दो महीने तक आरोपियों के फऱार रहने के बाद भी इन आरोपियों की पहचान छुपी कैसे रह गई ? जब आरोपियों का बीजेपी नेताओं से संबंध था तो अभी तक किसी ने कोई बयान क्यों नहीं दिया ? और क्या पीड़िता को इंसाफ़ दिलाने के लिए इन आरोपियों का भी इनकाउंटर होगा ?

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