अच्छे दिन: चपरासी की नौकरी के लिए इंजीनियर कर रहे आवेदन
मोदी सरकार ने 2014 चुनाव से पहले जनता से अच्छे दिन लाने का वादा किया था। वही अपने दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं के लिए ढाई करोड़ रोजगार पैदा करने की बात कही थी। लेकिन अगर हम ज़मीनी स्तर पर देखे तो न तो आज तक लोगों के लिए अच्छे दिन आए हैं और ना ही रोजगार।
इस वक्त देश में बेरोजगारी का आलम यह है कि वो स्टूडेंट जिन्होंने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कर लिया है लेकिन इसके बावजूद वो युवा चपरासी की नौकरी करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
इस कड़ी में पत्रकार अजीत अंजुम ने एक खबर को ट्विटर पर शेयर किया है। जिसके मुताबिक, पानीपत कोर्ट में चपरासी की नौकरी के लिए 12670 दावेदार सामने आए हैं। जिनमें से कई इंजीनियर भी हैं।
इस खबर को शेयर करते हुए उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि “चपरासी के 13 पद। आवेदक – 14871, एमएससी, एमकॉम के साथ कई इंजीनियर भी भीड़ में।
वादे के मुताबिक हर साल करोड़ दो करोड़ नौकरियां दे दी होती। तो ये नौबत न आती। ये युवा पकौड़ा तलने को तैयार नहीं।”
चपरासी के 13 पद
आवेदक – 14871
एमएससी, एमकॉम के साथ कई इंजीनियर भी भीड़ में
वादे के मुताबिक हर साल करोड़ दो करोड़ नौकरियां दे दी होती तो ये नौबत न आती .
ये युवा पकौड़ा तलने को तैयार नहीं pic.twitter.com/EklwsmIVz8— Ajit Anjum (@ajitanjum) February 20, 2021
इस बात पर भी ग़ौर करना ज़रूरी है कि इस नौकरी के लिए न्यूनतम योग्यता आठवीं पास की मांगी गई थी। जिसके लिए 18 से 23 फरवरी तक जजों की कमेटी इंटरव्यू ले रही है। इंटरव्यू के पहले ही दिन इतनी भारी तादाद में आवेदक पानीपत कोर्ट में पहुंचे कि लोग भी देख कर हैरान हो गए।
बता दें कि बीते साल कोरोना महामारी की वजह से लाखों लोगों के रोजगार छिन चुके हैं और इस वजह से देश में बेरोजगारी काफी बढ़ चुकी है।
बेरोजगारी की वजह से लोग भारी गरीबी का सामना कर रहे हैं। वहीं अब मोदी सरकार द्वारा बढ़ाई जा रही महंगाई भी लोगों की कमर तोड़ रही है। पेट्रोल, डीजल के साथ गैस सिलेंडर के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं। जिससे देश की जनता की परेशानियां और भी बढ़ चुकी हैं।
रिज़वान हैदर की क़लम से…