Site icon ISCPress

फ्रांस में पुलिस और प्रदर्शनकारियों में हिंसक भिड़ंत, दुकानों और कारों में लगाई आग

फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक मसौदा सुरक्षा कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में भिड़ंत हो गई। इस दौरान दर्जनों हिंसक प्रदर्शनकारियों ने दुकान की खिड़कियां तोड़ दी, कारों को आग लगा दी और बैरिकेड जला दिए। पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले दागे।

प्रदर्शनकारी पेरिस की सड़कों पर शांतिपूर्वक मार्च निकाल रहे थे। जिसमें उन्होंने सुरक्षा कानून को वापस लेने और पुलिस के खिलाफ पोस्टर लहराए। तब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और दुकानों-कारों में आग लगा दी।
पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले फेंके जिसके बाद प्रदर्शनकारी ज्यादा भड़क गए और एक समूह ने एक बैंक के शाखा कार्यालय में तोड़फोड़ की, कागजों के ढेर को बाहर आग पर फेंक दिया।

सरकार द्वारा संसद में एक सुरक्षा विधेयक पेश करने और मीडिया में और ऑनलाइन पुलिस अधिकारियों की छवियों को प्रसारित करने पर फ्रांस विरोध प्रदर्शन की चपेट में आ गया है।

हाल में आए आईफॉप एजेंसी के सर्वे के मुताबिक मैक्रों की लोकप्रियता का स्तर 38 फीसदी ही रह गया है। यानी लगभग दो तिहाई लोगों की उनसे उम्मीद टूट चुकी है। ऐसे में ये आशंका गहराती जा रही है कि जिस धुर दक्षिणपंथ को रोकने के लिए देश की मुख्यधारा की तमाम सियासी ताकतों के समर्थन से तीन साल पहले मैक्रों ने भारी जीत दर्ज की थी, उनकी नाकामियों के कारण 2022 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में उन्हीं दक्षिणपंथी ताकतों के सत्ता में आने का रास्ता खुल सकता है।

Exit mobile version