लोकतंत्र के नाम पर चीन और अमेरिका के बीच तनाव गहराया

लोकतंत्र के नाम पर चीन और अमेरिका के बीच तनाव गहराया अमेरिका और चीन के बीच लोकतंत्र के नाम पर एक बार फिर तनाव गहरा गया है।

लोकतंत्र पर होने वाले सम्मेलन में अमेरिका ने चीन को न्योता ना देकर ताइवान को आमंत्रित किया तो चीन अमेरिका के इस कदम से भड़क उठा। चीन ने अमेरिकी लोकतंत्र का मखौल उड़ाते हुए साफ शब्दों में कहा कि अमेरिका से ज्यादा चीन में लोकतंत्र पाया जाता है।

चीन और अमेरिका के बीच वाशिंगटन के इस क़दम के बाद से ही जुबानी जंग तेज हो गई है और तनाव चरम पर पहुंचा हुआ है। लेकिन इन सबसे अलग सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर अलग ही मंजर नजर आ रहा है। चीन का सरकारी मीडिया और वरिष्ठ अधिकारी लगातार अमेरिका के खिलाफ मुहिम छेड़े हुए हैं।

चीन के वरिष्ठ अधिकारी और सरकारी मीडिया किसी पोस्ट में अमेरिका को लाचार और बेबस तथा गरीबी से पीड़ित दिखा रहे हैं तो कहीं उसे एक कमजोर देश साबित करने के प्रयास कर रहे हैं। चीन की ओर से जारी मुहिम को देखकर ऐसा लगता है कि चीन अमेरिका को अंदर अंदर कमजोर करने के प्रयास कर रहा है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता और सूचना विभाग की महानिदेशक हुआ चुनयिंग ने अपनी ट्विटर पोस्ट में अमेरिका के लोकतंत्र पर सवाल खड़े करते हुए कुछ सवाल पूछे हैं और खुद ही उनके जवाब दे दिए हैं।

हुआ चुनयिंग ने सवाल करते हुए कहा कि लोकतंत्र से लोगों का कल्याण हो रहा है या फिर कष्ट बढ़ रहा है ? अमेरिका में लोकतंत्र अल्पसंख्यकों के लिए है या फिर बहुसंख्यको के लिए ? लोकतंत्र से सत्ता में संतुलन रहता है या फिर उसका दुरुपयोग होता है ?? लोकतंत्र से लोगों को आजादी मिल रही है या आजादी को छीना जा रहा है ? अमेरिकी लोकतंत्र लोगों के अधिकारों की रक्षा करता है या उनका हनन कर रहा है ?

चुनयिंग ने इन सवालों के जवाब में विकल्पों के रूप में बंदूक हिंसा , ब्लैक लिव्स मैटर के उदाहरण दिए हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में ट्रंप का उदाहरण देते हुए हुआ चुनयिंग ने पूछा कि अमेरिकी लोकतंत्र देश को एकजुट कर रहा है या फिर उसे बांटने का काम कर रहा है ? विकल्प के रूप में ट्रंप के एक बयान को दिया गया है। जिसमें उन्होंने कहा था जहां से आए हो वही चले जाओ। ट्रंप ने यह बयान सोमाली मूल की एक नेता के बयान पर दिया था जिसमें सोमाली मूल की इस नेता ने कुछ मुद्दों को लेकर सरकार की नीतियों पर विरोध जताया था। तब ट्रंप ने कहा था आप जिस देश से आई हो वापस वहीँ चली जाओ। यहां मत रहो। आपको अमेरिका ठीक नहीं लगता है।

हुआ चुनयिंग अमेरिकी लोकतंत्र पर सवाल उठाने वाली अकेली अधिकारी नहीं है। चीन के कई वरिष्ठ राजनयिक, विदेश मंत्रालय से लेकर अन्य मंत्रालय तक, समय-समय पर अमेरिकी लोकतंत्र पर सवाल उठा रहे हैं। दर असल 9-10 दिसंबर को अमेरिका लोकतंत्र पर चर्चा के लिए एक सम्मेलन बुला रहा है जिसमें चीन को आमंत्रण नहीं दिया गया है। हालांकि सम्मेलन से पहले बाइडन और शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई थी। चीन को लोकतंत्र सम्मेलन में आमंत्रित ना किए जाने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक असफल रही है।

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