रूसी प्रतिबंधों को लेकर अमेरिकी प्रशासन में मतभेद

रूसी प्रतिबंधों को लेकर अमेरिकी प्रशासन में मतभेद

ब्लूमबर्ग न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सरकार के अधिकारी अमेरिकी अर्थव्यवस्था को कमजोर किए बिना या पश्चिमी गठबंधनों को नुकसान पहुंचाए बिना रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को किस हद तक बढ़ाया जा सकता है इस पर आपस में मतभेद रखते हैं।

ब्लूमबर्ग न्यूज ने लिखा कि यूक्रेन में संघर्ष की शुरुआत से ही बाइडन की टीम रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का समर्थन करती रही है लेकिन अब अमेरिकी अधिकारियों के बीच इस बात को लेकर गरमागरम बहस चल रही है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इन आर्थिक प्रतिबंधों की परवाह नहीं करते और यूक्रेन में युद्ध जारी रहेगी।

वेबसाइट ने उन लोगों के हवाले से नाम नहीं छापने की शर्त पर अमेरिकी सरकार की आंतरिक बहस के बारे में कहा कि रूस पर दबाव कितना दूर जाएगा इस पर फिलहाल विवाद है। अमेरिकी विदेश विभाग और व्हाइट हाउस के अधिकारी सख्त उपायों की मांग कर रहे हैं और उनका मानना ​​है कि कुछ सहयोगियों के विरोध को दूर किया जा सकता है।

बाइडन अधिकारियों का एक अन्य समूह जिनमें से अधिकांश जेनेट येलेन के ट्रेजरी विभाग में हैं अर्थव्यवस्था पर और प्रतिबंधों से चिंतित हैं जो पहले से ही आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान, मुद्रास्फीति, तेल की बढ़ती कीमतों और संभावित खाद्य संकट से पीड़ित हैं।

अमेरिकी मीडिया ने देश की आंतरिक स्थिति से वाकिफ एक व्यक्ति के हवाले से कहा कि सरकारी प्रतिबंधों के प्रभारी रहे उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह के इस्तीफे ने अमेरिकी सरकार की चुनौतियों को बढ़ा कर दिया है। सिंह ने हाल ही में देश पर दबाव बनाने और उसे रूस से दूर रखने के लिए भारत की यात्रा की थी।

ब्लूमबर्ग ने कहा कि अमेरिकी सरकार के भीतर संघर्ष पूरे अटलांटिक में सहयोगियों के बीच व्यापक तनाव को दर्शाता है। इनमें से एक तनाव यूरोपीय संघ में स्पष्ट है जो रूसी तेल का बहिष्कार करने का इरादा रखता है लेकिन कुछ सदस्यों ने इसका विरोध किया है।

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