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ईरान को अमेरिका की धमकी, गीदड़ भभकी से अधिक कुछ नहीं :जॉन बोल्टन

ईरान को अमेरिका की धमकी, गीदड़ भभकी से अधिक कुछ नहीं :जॉन बोल्टन

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने ईरान को अमेरिका की धमकियों को गीदड़ भभकी बताया है।

ईरान को अमेरिका की ओर से दी जाने वाली धमकियों का उल्लेख करते हुए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने ईरान के खिलाफ जो बाइडन प्रशासन की नीति की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका की धमकियाँ एक दम खोखली हैं।

बोल्टन ने मंगलवार (8 फरवरी) को न्यूजवीक पत्रिका के साथ एक इन्टरव्यू में कहा कि जो बाइडन का ईरान से परमाणु मामले में फिर से बात करने का प्रयास अमेरिकी संकल्प और इरादो को दुनिया के सामने कमजोर साबित कर रहा है। इस्लामी गणराज्य ईरान के तख्तापलट करने की इच्छा रखने वालों में से एक बोल्टन ने, कुछ साल पहले भविष्यवाणी की थी कि ईरान की इस्लामी क्रांति 40 साल से अधिक बाक़ी नहीं रहेगी।

बोलटन ने कहा कि पिछले एक साल से, बाइडन सरकार खुद को अपमानित किये जा रही है और समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए ईरान को लगातार रियायतें दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि समझौते को फिर से स्थापित करने का यह आग्रह जुनूनी हद तक बढ़ रहा है, और मुझे लगता है कि वह समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।

जब बोल्टन डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में व्हाइट हाउस में थे तब वह ईरान के खिलाफ “अधिकतम दबाव नीति” अपनाने और उनका समर्थन करने वालो में थे, जबकि वर्तमान अमेरिकी प्रशासन के कई विश्लेषकों और अधिकारियों के अनुसार, यह “अधिकतम दबाव नीति” पूरी तरह से विफल रही है और ईरान को परमाणु समझौते के अलावा किसी अन्य समझौते पर बातचीत करने के लिए राजी करने और अपने मुख्य लक्ष्य को प्राप्त करने में पूरी तरह से विफल रही है।

जो बाइडन के नेतृत्व में वर्तमान अमेरिकी प्रशासन ने दावा किया है कि वह वियना वार्ता के माध्यम से संयुक्त राज्य अमेरिका को इस समझौते में वापस लाने का इरादा रखता है लेकिन वह अभी तक अधिकतम दबाव की नीति का पालन करने से पीछे नहीं हटा है। अमेरिकी सरकार ने वियना वार्ता के दौरान बार-बार कहा है कि अगर वार्ता के नतीजे में कोई समझौता नहीं होता है तो सैन्य कार्रवाई भी की जा सकती है।

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