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सऊदी सरकार को गोपनीय जानकारी देने के आरोप में ट्विटर पर मुक़दमा

सऊदी सरकार को गोपनीय जानकारी देने के आरोप में ट्विटर पर मुक़दमा माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर मानवाधिकार एडवोकेसी ऑर्गेनाइजेशन इंस्टीट्यूट फॉर गल्फ अफेयर्स के प्रमुख अली अहमद ने मुकदमा दायर किया है।

सऊदी सरकार के साथ उनकी गोपनीय जानकारी साझा करने का आरोप लगाते हुए अली अहमद ने दावा किया कि ट्विटर को गोपनीयता नीति के तहत किसी की निजी जानकारी का खुलासा करने या उसे किसी के साथ साझा करने का अधिकार नहीं है ।

इस मानवाधिकार कार्यकर्ता ने ट्विटर पर सऊदी अरब सरकार के साथ उसकी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने का आरोप लगाते हुए ट्विटर के खिलाफ मुकदमा दायर किया है ।

मीडिया सूत्रों के अनुसार अली अहमद मुकदमे में 2 लोगों का नाम प्रमुखता से लिया गया है जिन्हें पिछले साल संघीय अभियोजकों ने सऊदी सरकार के एजेंट के रूप में काम करने के लिए प्रेरित किया था । संघीय अभियोजकों ने इन दोनों लोगों को कई साल पहले ट्विटर पर सऊदी अरब सरकार के एजेंट के रूप में काम करने के लिए उकसाया था ।

माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर ने अभी तक इस रिपोर्ट पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है।अली अल अहमद ने ट्विटर के खिलाफ अपना बयान जारी रखते हुए कहा कि 2018 में ट्विटर ने उनका अकाउंट बिना किसी कारण एवं स्पष्टीकरण के निलंबित कर दिया था । वह बार-बार ट्विटर से अपील करते रहे लेकिन उनकी बार-बार की अपील के बाद भी उनके अकाउंट को बहाल नहीं किया गया था ।

शिकायतकर्ता ने कहा है कि ट्विटर को उनकी जानकारी की सुरक्षा के लिए और अधिक प्रयास करने चाहिए थे । याद रहे कि ट्विटर पर इससे पहले भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटने एवं बिना किसी स्पष्टीकरण के अकाउंट को निलंबित करने के आरोप लगते रहे हैं।

यही नहीं ट्विटर पर आतंकी संगठन आईएसआईएस जैसे संगठनों की मदद के भी आरोप लगते रहे हैं। जनवरी 2016 में जब यह आतंकी संगठन अपने चरम पर था तब भी फ्लोरिडा की एक महिला ने ट्विटर के खिलाफ मुकदमा दायर किया था जिसमे आरोप लगाया गया था कि ट्विटर द्वारा इस्लामिक स्टेट (आईएस) दुनिया भर में अपनी विचारधारा फैलाने के साथ ही नई भर्तियां भी कर रहा है।

तब भी आरोप लगे थे कि ट्विटर सबकुछ जानते हुए भी आईएस की मदद कर रहा है। इसी प्लेटफॉर्म के जरिए आईएस इतनी भर्तियां करने में सफल हो पा रहा है।

 

 

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