स्वीडन: नाटो सदस्यता के लिए अभी भी तुर्की बना है रास्ते का रोड़ा
स्वीडन की विदेश मंत्री ने सोमवार को कहा कि स्वीडिश लेफ्ट पार्टी के प्रतिनिधियों द्वारा पीकेके आतंकवादी समूह का झंडा फहराने के बाद नाटो गठबंधन में शामिल होने की प्रक्रिया पर तुर्की के साथ बातचीत मुश्किल हो गई है।
समाचार एजेंसी न्यूज आर्मेनिया के अनुसार रिया नोवोस्ती के हवाले से स्वीडन के विदेश मंत्री एन लिंडे ने इस संबंध में कहा कि वामपंथी दल के प्रतिनिधियों द्वारा पीकेके आतंकवादी समूह का झंडा फहराने के बाद तुर्की के साथ नाटो वार्ता और अधिक कठिन हो गई है।
लिंडे ने इस संबंध में कहा कि तुर्की मीडिया लगातार इस मुद्दे और इसी तरह की घटनाओं को कवर कर रहा है लेकिन स्वीडिश कानून के अनुसार हम बताना चाहते हैं कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। लिंडे ने कहा कि हम मानते हैं कि स्वीडिश सरकार के लिए यह एक बहुत ही अनुचित स्थिति है।
स्वीडन के विदेश मामलों के मंत्री ने कहा कि प्रतिनिधिमंडलों की अंतिम बैठक स्वीडन में 26 अगस्त को होनी थी लेकिन कुछ कारणों से इसे फिनलैंड में आयोजित करने का निर्णय लिया गया। रिपोर्ट के अनुसार तुर्की सरकार ने जून में फिनलैंड और स्वीडन के नाटो में शामिल होने के फैसले के खिलाफ अपने वीटो को पलट दिया थ। अंकारा के अनुसार पीकेके आतंकवादी समूह के लिए स्वीडन और फिनलैंड के समर्थन पर हफ्तों की तनावपूर्ण बातचीत के बाद यह फैसलालिया गया था।
समझौते के अनुसार तुर्की ने स्वीडन को उन लोगों की एक सूची प्रदान की जिन्हें वह प्रत्यर्पित करना चाहता था लेकिन तब से तुर्की ने सौदे पर प्रगति की कमी पर निराशा व्यक्त की है।
तुर्की ने साफ़ कर दिया है कि वो नेटो में फ़िनलैंड और स्वीडन को शामिल करने से पहले अपनी चिंताओं को दूर करना चाहता है।