पॉप फ्रांसिस ने यमन और फिलिस्तीन पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी को लेकर चेताया

पॉप फ्रांसिस ने यमन और फिलिस्तीन पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी को लेकर चेताया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घटते सहयोग और दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में उत्पन्न हो रही त्रासदी पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के उदासीन रवैया को देखते हुए पॉप फ्रांसिस ने चेतावनी दी है।

पॉप फ्रांसिस ने क्रिसमस के अवसर पर अपने बयान में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घटते सहयोग और व्यक्तिवाद की शिकायत करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक दूसरे का सहयोग करने से बचना एक गंभीर खतरा है और यह मौजूदा त्रासदी को वार्ता के माध्यम से हल करने के बजाय उन्हें और बढ़ा देगा। आपसी सहयोग ही वह मार्ग है जो संघर्ष के समाधान की ओर ले जा सकता है और सब के साझा हितों के लिए लाभकारी हो सकता है।

पॉप फ्रांसिस ने यमन, फिलिस्तीन ,अफगानिस्तान, यूक्रेन, सूडान समेत दुनिया भर के विभिन्न हिस्सों में उत्पन्न संकटों का उल्लेख करते हुए कहा कि दुनिया भर में बेशुमार चुनौतियां हैं। बहुत से टकराव और संघर्ष हो रहे हैं जिनका कोई अंत ही नजर नहीं आ रहा है। कैथोलिक दुनिया के सबसे बड़े नेता पॉप फ्रांसिस ने कहा हमें इनमें से बहुत से संकटों की आदत हो गई है। बहुत बड़ी-बड़ी त्रासदियां हो रही है और हम चुप हैं। हमें इस संकट का भी सामना करना पड़ रहा है कि हम दुनिया भर में अपने भाई और बहनों के दुख और दर्द और उनके रोने की आवाज को नहीं सुन रहे हैं।

राइटर्स की रिपोर्ट के अनुसार पॉप फ्रांसिस ने अपने भाषण के दौरान कम से कम 11 बार बातचीत शब्द का प्रयोग किया और ईश्वर से प्रार्थना की कि यूक्रेन में कोई टकराव एवं संघर्ष न हो। पॉप फ्रांसिस ने अपने बयान में दुनिया भर के लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह अप्रवासी , शरणार्थी एवं विस्थापित लोगों तथा राजनीतिक बंदियों एवं पीड़ित और अत्याचार का सामना करने वाली महिलाओं के मुद्दे पर तटस्थ ना रहे।

पॉप ने दुनिया भर के नेताओं से भी अपील करते हुए कहा कि वह जलवायु की हिफाजत करें ताकि आने वाली पीढ़ियां आसानी से जीवन व्यतीत कर सकें। याद रहे कि इससे पहले अपने बयान में भी पॉप फ्रांसिस ने यूक्रेन मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा था कि “मैं यूक्रेन और तमाम चर्च और समस्त धार्मिक समूहों और इस देश के लोगों के लिए प्रार्थना करता हूं। पॉप फ्रांसिस ने आशा जताई थी कि यूक्रेन में जारी तनाव अंतरराष्ट्रीय वार्ता के माध्यम से हल हो जाएगा वहां सैन्य कार्रवाई की जरूरत ना पड़े। उन्होंने कहा कि संघर्ष किसी भी समाधान का हल नहीं है। इस साल का क्रिसमिस शायद यूक्रेन में शांति ले आए।

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