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अफ़ग़ानिस्तान पर कोई विचारधारा या सरकारी वर्ज़न न थोपा जाए

अफ़ग़ानिस्तान पर कोई विचारधारा या सरकारी वर्ज़न न थोपा जाए

तालिबान ने दो टूक कहा है कि हमने मान्यता प्राप्त करने के लिए सभी शर्तों को पूरा कर लिया है। ऐसे में अफगानिस्तान पर सरकार के विदेशी वर्जन को नहीं थोपा जाना चाहिए और न ही हम पर कोई विचारधारा थोंपने की कोशिश की जाए।

तुर्की के अंताल्या डिप्लोमैसी फोरम में तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने कहा कि अफगान लोग अपनी सरकार बनाने में सक्षम हैं और हम काबुल प्रशासन को और अधिक समावेशी बनाने के प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में विदेशी सरकारों का वर्जन और विदेशी विचारधारा अफगानिस्तान पर नहीं थोपी जानी चाहिए।

काबुल में पुराने वर्जन को लेकर कोशिश की गई थी लेकिन यह सफल नहीं हुआ। अफगान सत्ता में तालिबान के पलटने के बाद देश की जनता की ज़िन्दगी दूभर हुई है। तालिबान की सरकार आने के बाद से अफगान लोगों की जिंदगी नरक बन गई है। इस देश पर लगे प्रतिबंध अब तक नहीं हटे हैं, जिसके कारण अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह ढह चुकी है।

तालिबान मंत्री ने कहा कि हम अफ़ग़ानिस्तान के आर्थिक पतन को रोकने के लिए प्रयास कर रहे हैं अतः हमारी सरकार को कमज़ोर करने के प्रयास नहीं किये जाने चाहिए। मौजूदा सरकार ने कई क्षेत्रों में प्रगति की है। उन्होंने कहा कि इस्लामिक अमीरात ने अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने के लिए सभी शर्तों को पूरा किया है। अतः हमे कमज़ोर न किया जाए।

याद रहे कि अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के क़ब्ज़े के बाद देश के हालत बद से बदतर होते चले गए हैं महिलाओं और अल्पसंख्यक शिया समुदाय की हालत खस्ता है। लोगों के पास खाने के लिए कुछ नहीं है। मजबूर लोग अपनी औलाद और किडनियां बेच रहे हैं। देश में आतंकी संगठन आईएसआईएस के मज़बूत होता जा रहा है और शिया समुदाय आये दिन हमलों के निशाने पर है।

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