रूस के परमाणु भय के बीच जापान के पीएम, अमेरिकी दूत ने हिरोशिमा में की प्रार्थना

रूस के परमाणु भय के बीच जापान के प्रधान मंत्री, अमेरिकी दूत ने हिरोशिमा में की प्रार्थना

जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा परमाणु बमबारी पीड़ितों को सम्मान देने के लिए शनिवार को अपने गृहनगर हिरोशिमा में अमेरिकी राजदूत को ले गए।

रूस के परमाणु भय के बीच जापान के पीएम फुमिया किशिदा अमेरिकी राजदूत को लेकर शनिवार को अपने गृह नगर हिरोशिमा गये जहां उन्होंने परमाणु बम हमले के मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यूक्रेन पर रूसी हमले से उत्पन्न स्थिति में विश्व एक बार फिर परमाणु हमले के खतरे का सामना कर रहा है।

राजदूत आर. एमैनुएल के साथ शांति पार्क और संग्रहालय का दौरा करने के बाद किशिदा ने संवाददाताओं से कहा कि चूंकि हम रूस द्वारा परमाणु हथियारों के इस्तेमाल करने के वास्तविक खतरे का सामना कर रहे हैं ऐसे में परमाणु हमले की विभीषिका झेलने वाले विश्व के एकमात्र देश के नेता के तौर पर मुझे लगता है कि हमें परमाणु हथियारों का कभी इस्तेमाल नहीं करने देना चाहिए।

किशिदा ने कहा कि इस त्रासदी की कभी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। अमेरिका ने छह अगस्त 1945 को हिरोशिमा में परमाणु बम गिराया था, जिसमें करीब 1,40,000 लोग मारे गये थे। इसके तीन दिन बाद उसने नागासाकी में दूसरा परमाणु बम गिराया था जिसमें 70,000 से अधिक लोग मारे गये थे। जापान ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इन हमलों के बाद आत्मसमर्पण कर दिया था।

75 साल पहले जापान का हिरोशिमा जिस परमाणु बम हमले से थर्राया था उसकी चपेट में आकर लगभग 1,40,000 लोगों की जान जाने का अनुमान है। जो लोग जीवित बचे वे आज भी उस धमाके की याद भर से थर्रा जाते हैं। 6 अगस्त, 1945 की वर्षगांठ पर ऐसे ही कुछ पीड़ितों, उनके रिश्तेदारों और विदेशी मेहमानों के एक छोटे से समूह ने प्रार्थना और गीतों के साथ हिरोशिमा में घटना स्थल पर एक समारोह में हिस्सा लिया।

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