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न्यूयार्क एयरपोर्ट पर भारतीय छात्र के साथ बर्बरता, हथकड़ी लगाकर जबरन हिरासत में लिया

न्यूयार्क एयरपोर्ट पर भारतीय छात्र के साथ बर्बरता, हथकड़ी लगाकर जबरन हिरासत में लिया 

सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया गया है कि न्यूयार्क एयरपोर्ट पर अमेरिकी अधिकारियों ने एक भारतीय छात्र को बेहद बेरहमी से पकड़ा, उसे हाथ-पैर से घसीटा गया और हथकड़ी लगाकर जमीन पर दबोच लिया गया। वायरल वीडियो में छात्र को एयरपोर्ट परिसर में चार अधिकारियों द्वारा ज़मीन पर दबोचते हुए देखा जा सकता है। यह घटना 7 जून के आसपास की बताई जा रही है और ट्रम्प प्रशासन के इमिग्रेशन अभियान के दौरान सामने आई है।

एक “एक्स” यूज़र ने 8 जून को लिखा, “मैंने न्यूयार्क एयरपोर्ट पर एक भारतीय छात्र को देश से निकाले जाते हुए देखा। वह रो रहा था और उसके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा था। वह कोई खतरा नहीं था, बल्कि सपने लेकर आया था। बतौर एनआरआई, मैं खुद को बेबस और टूटा हुआ महसूस कर रहा हूँ। यह एक मानवीय त्रासदी है।”

यूज़र ने यह भी बताया कि छात्र हरियाणवी भाषा में कह रहा था: “मैं पागल नहीं हूँ, ये लोग मुझे पागल साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।” छात्र मानसिक उलझन या बेहोशी की हालत में लग रहा था। पोस्ट में बताया गया कि वह उसी फ्लाइट में यात्रा करने वाला था लेकिन बोर्ड नहीं कर सका।

यूज़र ने भारतीय दूतावास से अपील की कि छात्र को उसके माता-पिता से मिलवाने में मदद की जाए। जब न्यूयार्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने मामले का संज्ञान लिया, तो यूज़र ने फिर लिखा: “यही है जनता की ताकत! हमें इस बच्चे को सुरक्षित उसके माता-पिता तक पहुंचाना है। उसके मासूम चेहरे की तस्वीर मेरे ज़ेहन से नहीं जा रही।”

भारतीय दूतावास की प्रतिक्रिया
भारतीय वाणिज्य दूतावास ने “एक्स” पर लिखा, “हमें न्यूयार्क लिबर्टी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक भारतीय नागरिक की मुश्किलों से जुड़ी पोस्ट्स मिली हैं। हम स्थानीय अधिकारियों से संपर्क में हैं और भारतीय नागरिकों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, “पिछले एक साल से अमेरिका में भारतीय छात्रों के साथ बदसलूकी हो रही है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी चुप हैं। क्या वे बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे? यह उनका कर्तव्य है कि वे अमेरिकी राष्ट्रपति से बात करें और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।”

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